बाघ देखने की सूचना पर है कांबिग की सुविधा
ताब बाघ मित्र अनिल चौहान ने बोझवा सिघहा वनबुधेली अयोध्यापुर मुल्लापुर आदि गांवों में कांबिग की गई।
लखीमपुर: महेशपुर रेंज के बाघों का मूमेंट देखने लखनऊ चिड़ियाघर से आए डॉ. बृजेंद्रमणि यादव के वापस जाने के बाद से वन महकमा हाथियों द्वारा कांबिग कर इलाकाई लोगों को साहस व ढांढ़स बंधाकर दिलासा दे रहा है। उधर टीकापुर व भिम्मापुर में लगाए गए पिजड़ों में काफी प्रयासों के बावजूद भी बाघ पिजड़े में नहीं फंस सका। इसी क्रम में शुक्रवार को भी हाथी सुंदर व हथिनी डायना पर सवार होकर महावत मेहताब, बाघ मित्र अनिल चौहान ने बोझवा, सिघहा, वनबुधेली, अयोध्यापुर, मुल्लापुर आदि गांवों में कांबिग की गई। गन्ने का एरिया अधिक होने एवं कांबिग में गन्ने का नुकसान होने के चलते कांबिग चक मार्गों, खाली खेतों में किया जाता है। इसके अलावा गन्ना कटान के दौरान गन्ने के अंदर बाघ होने की संभावित सूचना होने पर किसानों को हाथी से कांबिग की सुविधा दी जा रही है। उधर परेली इलाके में एक माह से दहशत की धूम मचाने वाले बाघ को ग्राम झारा के पास देखने का दावा ग्रामीणों ने किया है।