तीन दिनों से फार्महाउस में फंसे बाघ ने बाहर निकल बछड़े को बनाया निवाला
गल बॉर्डर पर एक बाघ के द्वारा बेसहारा बछड़े को निवाला बनाकर खींचते हुए ग्रामीणों ने देखने का दावा किया है।
संवादसूत्र, ममरी(लखीमपुर): फेसिग युक्त फार्महाउस में तीन दिनों से फंसे बाघ ने रात्रि में बाहर निकलकर जंगल के बार्डर एरिया में बछड़े को निवाला बना लिया। जिससे झाला वासियों ने राहत की सांस ली है। फिर भी सतर्कता की ²ष्टि से वन विभाग एवं डब्ल्यूटीआइ कि टीमें वहां की निगरानी कर रही हैं।
दरअसल गोला के पश्चिम ग्राम कोंधवा के निकट रेल पटरी के किनारे मालिक सिंह व गुरुसेव सिंह का फार्म हाउस जंगल से सटा हुआ है। यहां दो दिन फार्म के अंदर चहलकदमी करने के बाद बाघ के पास के टिकू वर्मा के खेत मे चले जाने के पग चिन्ह मिले थे, तब से इधर कोई हलचल नहीं मालूम हुई। उधर सूत्रों के मुताबिक कोंधवा से पश्चिम ऐवीपुर गांव के मध्य एवं गोला जंगल से होकर कुकरा जाने वाले मार्ग के दक्षिण जंगल बॉर्डर पर एक बाघ के द्वारा बछड़े को निवाला बनाकर खींचते हुए ग्रामीणों ने देखने का दावा किया है। वन रक्षक धनीराम ने भी बाघ के फार्म से निकलने का अनुमान जताया है। फार्म हाउस इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मंडल लखनऊ आर के सिंह, चिड़ियाघर से आए विशेषज्ञ डॉ. ब्रजेंद्रमणि यादव, आरिफ, डब्लयूटीआइ के डॉ. दक्ष गंगवार, डीएफओ समीर कुमार ने इलाके की पड़ताल की है। बाघ के मूमेंट को समझने के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरे अभी लगे हुए हैं।