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युवाओं को रोजगार और टैक्स की मार से बचाए सरकार

सरकार को चाहिए कि आने वाले बजट में उसे सबसे पहले अधिक से अधिक रोजगारों की व्यवस्था करे। लोन दिए जाने की प्रक्रिया और उस पर लिए जाने वाले ब्याज की दर पर भी सरकार को संजीदगी से विचार करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 09:54 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:11 AM (IST)
युवाओं को रोजगार और टैक्स की मार से बचाए सरकार
युवाओं को रोजगार और टैक्स की मार से बचाए सरकार

लखीमपुर: केंद्र की सरकार का बजट आने को है और उसी के साथ मुखर होने लगीं हैं लोगों की अपेक्षाएं। बात अगर खीरी जिले के लोगों की करें तो यहां भी मुददा युवाओं के लिए रोजगार का है और व्यापारियों को सरकार से टैक्स की मार से बचाने का आग्रह। उधर जिले की बड़ी रेलवे लाइन बन तो गई लेकिन दिल्ली अभी भी बहुत दूर ही कही जाएगी। एक गाड़ी से पटरी पर सफर कर रही 45 लाख की आबादी और टुकड़ों में सफर कर दिल्ली तक जाता जिले का व्यापारी। इन सबके बीच युवाओं को नौकरी की दरकार और किसान को उसका बकाया पाने को लंबा इंतजार। ऐसे में वित्त मंत्री जी से आस लगाए लोगों की जुबानी उनकी परेशानी छोटे व्यापारियों पर टैक्स कम करे सरकार

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मौजूदा नियमों में छोटा व्यापारी बड़ीे-बड़ी कारपोरेट कंपनियों के बराबर टैक्स दे रहा है। जो उसके लिए केवल नुकसानदायक ही नहीं बल्कि व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में उसे काफी पीछे खदेड़ रहा है। सरकार को छोटे व्यापारियों से पांच से दस प्रतिशत टैक्स का ही स्लैब तय करना चाहिए। तभी खुदरा व छोटा उद्योग पनप पाएगा। सरकार के इस नियम में अभी छोटे व्यापारी भी उतना टैक्स दे रहे हैं जितना पांच मिनट में करोड़ों कमाने वाली फैक्ट्रियां व कंपनियां सरकार को दे दी रही हैं।

उमेश शुक्ला

व्यापारी नेता युवाओं का वर्ष है 2020 उनको देखे सरकार

मौजूदा साल युवाओं का है। देश युवा है और उनके सपने भी युवा हैं। सरकार को चाहिए कि कौशल विकास से युवाओं को कौशल तो मिला लेकिन उस कौशल को दिखाने का अवसर नहीं मिल पा रहा। सरकार गांव के युवाओं की दशा भी देखनी चाहिए , खेल प्रतिभाए केंवल शहर में नहीं गांव में भी हैं वहां भी स्टेडियम बनने चाहिए। देश में बेरोजगारों की बढ़ रही फौज भी चिता का विषय है देश में सरकार को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाने चाहिए।

यतीश शुक्ला

विश्व रिकार्डधारक पेंशनर्स का दर्द सुने सरकार..

सरकार जो पेंशन देती है उसकी कटौती पंद्रह वर्ष तक करती है। जिसे इसकी जगह 12 वर्ष तक ही कटौती करनी चाहिए। सरकार ये भी तय करे कि पेंशनर्स को अस्सी वर्ष की आयु में 20 प्रतिशत,पच्चासी पर तीस प्रतिशत 90 पर पचास प्रतिशत और सौ वर्ष की आयु पर दोगुनी पेंशन मिली है। लेकिन बड़ा सवाल है कि अस्सी की उम्र तक ही बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं इसकी जगह पर पेंशनर्स को इंक्रीमेंट के तौर पर धनराशि देनी चाहिए। नौकरी के दौरान मिलने वाला यात्रा भत्ता सेवानिवृत्ती के बाद भी मिलना चाहिए।

इशरत अली

वरिष्ठ सदस्य

जिला पेंशनर्स एसोसिएशन विशेषज्ञ की सुनिए

सरकार को चाहिए कि आने वाले बजट में उसे सबसे पहले अधिक से अधिक रोजगारों की व्यवस्था करे। लोन दिए जाने की प्रक्रिया और उस पर लिए जाने वाले ब्याज की दर पर भी सरकार को संजीदगी से विचार करना चाहिए। इसके अलावा छोटे व्यापारियों व कल कारखाना लगाने वालों को भी सब्सिडी देनी चाहिए ताकि उनको बेहिचक अपने व्यापार को विस्तार करने में मदद मिले। इसके अलावा आयकर में राहत मिले तो आम आदमी को भी कुछ नया प्लान करने का अवसर मिले। कुल मिलाकर सरकार का बजट बिजनेस फ्रेंडली हो तभी देश आगे बढ़ेगा।

डॉ. डीएन मालपानी

अर्थशास्त्री, प्राचार्य

युवराज दत्त महाविद्यालय


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