अन्नदाता की हाय, कैसे होगी दोगुनी आय
जागरण संवाददाता लखीमपुर कृषि प्रधान तराई इलाके के खीरी जिले में गन्ना प्रमुख नकदी फसल है।
लखीमपुर : यहंा चार लाख से ज्यादा गन्ना किसान हैं। सबकी उम्मीद थी कि गन्ने के भाव इस बार बढ़ेंगे। शायद यही सोचकर तीन लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में गन्ना बोया, पर प्रदेश सरकार ने मायूस किया। किसानों की हाय (पीड़ा) है कि गन्ना बोआई लागत में 10 फीसद से ज्यादा बढ़ोतरी हो गई, पर घोषित मूल्य वही रखा गया। ऐसे में उनकी दोगुनी आय कैसे होगी?
संपूर्णानगर : किसानों ने बताया कि चार वर्ष में खाद, कीटनाशक, डीजल, मजदूरी आदि का रेट दोगुना बढ़ गया है। जबकि गन्ने का रेट 310 से 315 फिर 325 पर ठिठक गया। किसान साहबजीत सिंह ने बताया कि गन्ने पर बोआई से लेकर कटाई तक 70 से 80 हजार रुपये प्रति एकड़ की लागत आ रही है। एक एकड़ में औसतन 350 क्विंटल गन्ना पैदा होता है। किसान को कम से कम 400 रुपये प्रति क्विटल गन्ने का मूल्य मिलना चाहिए। संपूर्णानगर के किसान परमिदर सिंह, सेमरी के गुरेंदर पाल सिंह व गोपाल सिंह खर्रा ने भी गन्ना मूल्य में 75 रुपये इजाफा करने की मांग की ।
नकहा : गोविद शुगर मिल ऐरा, बजाज हिदुस्तान लिमिटेड खंभारखेड़ा अभी बीते साल का भुगतान नहीं कर पाई हैं। गेहूं व मसूर की बोआई चल रही है, गन्ना भुगतान न मिलने के कारण किसान बोआई नहीं कर पा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
गन्ने का रकबा : 3,66,619 हेक्टेयर
गन्ना किसान : 4,37,438
चीनी मिलें : 09
पिछले सीजन की उपज : 2959 लाख क्विंटल
पिछले सीजन मिलों में पेराई : 1227.55 लाख क्विंटल
छह अरब से ज्यादा बकाया :
पिछले पेराई सीजन का छह अरब सात करोड़ रुपये अभी चीनी मिलों पर बकाया है। पिछले सीजन में चीनी मिलों पर 39 अरब रुपये से ज्यादा का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को देय बना था। जिला गन्ना अधिकार बृजेश पटेल ने बताया कि किसानों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द हो, इसके लिए लगातार मिलों से कहा जा रहा है।