गांव के सफाईकर्मी दफ्तर में बने 'बाबू'
लखीमपुर वे ग्रामीण सफाईकर्मी हैं। उनका काम गांव-कस्बों में सफाई करना है।
लखीमपुर : वे ग्रामीण सफाईकर्मी हैं। उनका काम गांव-कस्बों में सफाई करना है। पर, लालफीताशाही ने उन्हें विभागीय दफ्तर में 'बाबू' बना दिया है। वे विकास भवन के पंचायतराज समेत विभिन्न कार्यालयों में महत्वपूर्ण कामकाज निपटा रहे हैं। हैरत की बात है कि नौकरशाही को यह सब पता है, पर कार्रवाई न कर वे इस कारगुजारी को मौन संरक्षण दे रहे हैं।
जिला पंचायतराज विभाग ने सफाईकर्मियों की तैनाती में खूब मनमानी की है। कई गांवों में सफाईकर्मियों को संबद्ध न करना, इस बात को तस्दीक करता है। जिला पंचायतराज विभाग के दफ्तर में 10-12 सफाईकर्मी तैनात हैं। इनमें कुछ कंप्यूटर पर लिपिकों के कामकाज कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ सफाईकर्मी भंडार कक्ष में, गेट खोलने, पानी पिलाने, विकास भवन की सफाई आदि कामों के लिए रखे गए हैं। पांच-छह सफाईकर्मी स्वच्छता मिशन ग्रामीण के वार रूम में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कुछ तो अफसरों के आवास पर सफाई से लेकर खाना बनाने का काम कर रहे हैं। अन्यत्र तैनात करीब 150 सफाईकर्मियों की की तैनाती गांव में दिखाकर वेतन का भुगतान कराया जाता है। इस पर डीपीआरओ अजय श्रीवास्तव कहते हैं कि किसी सफाईकर्मी की तैनाती गांव के अन्यत्र नहीं की गई है। इस बयान की हकीकत डीपीआरओ दफ्तर में काम कर सफाईकर्मियों की तस्वीर खुद बयां कर रही है।
------
जलालपुर में संक्रामक रोग से गई थी 10 की जान :
सफाई न होने के कारण ही फरधान क्षेत्र के जलालपुर गांव में डेंगू और गंभीर संक्रामक बीमारियां फैली और महज 15 दिन में बीमारियों की चपेट में एक-एक कर गांव के 10 लोगों की मौत हो गई थी।
----
-जलालपुर गांव में मौतों के पीछे गंदगी मुख्य वजह है। वहां नालियां भरी हैं और गंदा पानी सड़ रहा है। कोल्हू की गंदगी और धुएं से दिक्कत और बढ़ी है।
-मनोज अग्रवाल, सीएमओ
----
-अपरिहार्य स्थिति में ही सफाईकर्मियों को विभागीय कार्य में लगाया जा सकता है। सफाईकर्मी किसी दफ्तर में लगातार काम नहीं कर सकते। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
-शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी