कर्मियों को पुरानी पेंशन तो व्यापारियों को जीएसटी में सरलीकरण की दरकार
कर विभिन्न वर्गों से से जुड़े लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। हर कोई अपनी-अपनी उम्मीद के मुताबिक सरकार से अपेक्षा जता रहा है।
लखीमपुर : इस वर्ष पेश होने वाले आम बजट को लेकर विभिन्न वर्गों से से जुड़े लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। हर कोई अपनी-अपनी उम्मीद के मुताबिक सरकार से अपेक्षा जता रहा है। 2020 के बजट से नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में छूट की उम्मीद है। कर्मचारियों की मांग है कि टैक्स रीबेट में सेविग राशि बढ़ाई जाए। उनका कहना है कि सरकार को आम कर्मचारियों का ध्यान रखते हुए इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाया जाए। महिलाओं को सुरक्षा और महंगाई पर अंकुश की सरकार से अपेक्षा है।
आयकर छूट सीमा बढ़ाई जाए
आयकर छूट सीमा और बढ़ाई जा सकती है। बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की सावधि जमा पर कर छूट दिए जाने की अपेक्षा है। आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है। आयकर की धारा 80 सी के तहत विभिन्न निवेश व बचत पर मिलने वाली छूट सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। होमलोन के ब्याज पर भी कर छूट की सीमा बढ़ाने की उम्मीद है।
अनिल गुप्ता, व्यापारी
पुरानी पेंशन बहाल की जाए
वर्ष 2004 के बाद जो कर्मचारी विभागों में आए हैं उनकी पुरानी पेंशन बहाल की जाए। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह राज्य कर्मचारियों को भी भत्ते दिया जाएं। निगमों के कर्मचारियों का विनयमितीकरण किया जाए। संविदा और आउट सोर्सिसिग बंद की जाए। इससे कर्मचारियों का शोषण होता है। टैक्स के साथ-साथ सेविग की राशि भी बढ़ाई जाए ताकि कर्मचारियों को उसका लाभ मिले। जीएसटी की दर घटाई जाए। बुढ़ापा, विधवा, दिव्यांग की पेंशन बढ़ाई जाए। होम लोन के राइट कम हों ताकि कर्मचारियों का फायदा हो।
महंथ सिंह, राज्य कर्मचारी
विशेषज्ञ की सुनिए
सरकार को चाहिए की महंगाई पर अंकुश लगाए। प्रत्यक्ष कल को 5 से 10 लाख किया जाए। खर्च और निवेश को बढ़ाने के लिए ब्याज दरों से राहत आम जनता को दी जाए। सरकारी नीतियों में स्पष्टता जरूरी है। सरकार निजीकरण करे लेकिन, विवेकपूर्ण तरीके से निजीकरण किया जाना चाहिए। यदि कोई निगम सरकार को अधिक राजस्व दे रहा है उसका निजीकरण किए जाने से एक तो सरकार का राजस्व घटेगा वहीं संस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।
दीपक वाजपेयी, प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग
रोजगार को प्राथमिकता
बजट ऐसा होना चाहिए जिससे हर कोई खुश हो, क्योंकि यह जनता का बजट है। केंद्र सरकार को बजट में रोजगार बढ़ाने की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। इस जिले में ही बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं जिन्हें रोजगार नहीं मिला। सरकार कौशल विकास मिशन के तहत युवाओं को तकनीकी छात्रों की रानी है, लेकिन उसके एवज में बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। इस बजट में आयकर देने वालों के लिए बड़ी राहत की उम्मीद है। चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मियों के जोखिम को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए।
नेहा सिंह, छात्रा