अभी नहीं खुलेगा गौरीफंटा बॉर्डर
भारत-नेपाल के पर्यटन व व्यापार से जुड़े लोगों और भारतीयों को फिर मायूसी हाथ लगी है।
लखीमपुर : भारत-नेपाल के पर्यटन व व्यापार से जुड़े लोगों और भारतीयों को फिर मायूसी हाथ लगी है। भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा खोलने पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है। नेपाल सरकार के प्रवक्ता ने इसके पीछे कोरोना संक्रमण को बड़ा कारण बताया है। कहा कि नेपाल की सीमाओं पर आवागमन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। नवंबर माह में नेपाल सरकार की कैबिनेट की बैठक में सीमा सील रखने की अवधि 17 दिसंबर तक तय की गई थी।
सरकार के प्रवक्ता विष्णु देवराज ने बताया कि अभी भारत, नेपाल, चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलने पर विचार नहीं किया गया है। फिलहाल अगले आदेश तक सीमा सील रहेगी। भारत-नेपाल की सीमा सील होने के कारण पर्यटन व्यवसाय पूर्ण रुप से ध्वस्त हो गया है। दोनों देशों के व्यापारी खासा परेशान हैं। कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए 21 मार्च से भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा के सभी दस नाकों को सील कर दिया जा चुका है। कुछ दिनों बाद बीजा धारकों के लिए नेपाल सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए नेपाल में प्रवेश के दरवाजे अब भी बंद हैं। इसको लेकर पलिया के समाज सेवी रवि गुप्ता ने अभी हाल में व्यापारियों के हित को देखते गौरीफंटा बॉर्डर पर नेपाल सरकार के सौतेले व्यवहार के विरोध में धरना, प्रर्दशन की अनुमति एसडीएम पलिया से मांगी थी। अनुमति न मिलने के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था। सीमा खोलने के लिए दोनों देशों के व्यापारी, उघोग, वाणिज्य संघ के लोग सीमा खोलने के लिए भारतीय राजदूतावास, नेपाली राज दूतावास से अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सार्थक निर्णय नहीं हो सका है।
आज भी हो सकती है बैठक
राजनीतिक पदाधिकारियों का कहना है कि नेपाल सरकार कैबिनेट की बैठक हर सोमवार व गुरुवार को होती है। 17 दिसंबर रात 12 बजे तक सीमा सील के आदेश पहली बैठक के हैं और गुरुवार भी बैठक हो सकती है।