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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सिर्फ नौ घंटे ही चलेगी नाव

जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की एडवाइजरी लाइफ जैकेट रस्सी हवा भरा ट्यूब रखने के निर्देश। सुबह आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ही नौका संचालन की अनुमति।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 10:42 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 10:42 PM (IST)
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सिर्फ नौ घंटे ही चलेगी नाव
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सिर्फ नौ घंटे ही चलेगी नाव

लखीमपुर : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर नाव पलटने और लोगों के डूबने की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों लोगों को सिर्फ सुबह आठ बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक ही नौका संचालन की अनुमति होगी। इसके बाद नाव चलाने वाले लोगों पर प्रशासन कार्रवाई करेगा।

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जिले के लखीमपुर, निघासन, धौरहरा, गोला और पलिया बाढ़ग्रस्त तहसील हैं। यहां नौका संचालन के नए नियम लागू किए गए हैं। नाविकों को निर्देश दिया गया है कि वे नाव में क्षमता के अनुसार ही व्यक्तियों को चढ़ाएं। यदि नाव छूटते ही आंधी या तेज बरसात होना प्रारंभ होता है तो नाव तुरंत वापस लाएंगे। हादसों से बचने के लिए नाव पर लाइफ जैकेट, रस्सी, लंगर, बांस का लग्गा, हवा भरा हुआ जीप या ट्रक का ट्यूब आदि सही हालत में रखा जाए। अब नाविकों को नजदीकी गोताखोरों या आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारियों के मोबाइल नंबर चस्पा करना पड़ेगा। नाव पर यात्रियों को एक साथ नहीं बल्कि, लाइन से चढ़ाएंगे और बारी-बारी लाइन से उतारेंगे। इन कारणों से होती है नाव दुर्घटना क्षमता से अधिक सवारी बैठाने, रफ्तार पर असामान्य रखने, संचालन के मानकों को पूरा न करने, नाव की दोषपूर्ण डिजाइन, नदी में नाव के होने पर यात्री हंगामा, नाविक शराब के नशे में नौका न चलाए। इससे दुर्घटना की संभावना रहती है।

तैयारी के लिए नाविकों को सुझाव बाढ़ से पूर्व नावों के मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं। उखड़ी हुई कीलों को ठीक कराने, पतवार की जांच कराने, छेदों को भरने, नाव में अधिकतम तथा न्यूनतम बैठ सकने वाले व्यक्तियों की संख्या दर्शाना, जोखिम वाले स्थान को सफेद या गाढ़े रंग से दिखाना, नाव में बॉल्टी, मग, पॉलीथिन सीट की व्यवस्था शामिल है। यात्रियों के दबाव में नौका का संचालन ना करें। जिम्मेदार की सुनिए आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्र कहते हैं कि बाढ़ के दौरान नाव हादसों का डर रहता है। इसलिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। नाविकों को इसी नियमों के तहत नौका संचालन करना पड़ेगा। तहसीलदार ने किया बाढ़ क्षेत्र का दौरा, सुनीं समस्याएं तहसीलदार धर्मेंद्र पांडेय ने बाढ़ क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणों की समस्या सुनीं। तहसीलदार दल बल के साथ ग्राम नया पिड पहुंचे। यहां ग्राम नया पिड जाने वाले रपटा पुल पर तीन से चार फुट बाढ़ का पानी चल रहा था। गांव के लोगों को आवागमन में दिक्कत थी। तहसीलदार ने लेखपाल को रपटा पुल पर नाव चलाने के निर्देश दिए। ग्रामीण गुरमीत सिंह ने तहसीलदार से मांग की कि गिरिजा बैराज के फाटक बंद होने से बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ जाता है। इसलिए गिरिजा बैराज के फाटक खुले रखे जाएं। तहसीलदार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गिरिजा बैराज के फाटक खुले रखे जाएंगे। पिछले वर्ष ग्राम रपटा पुल पर बरसात के दौरान तीन महीने नाव चलाने वाले मनदीप सिंह का भुगतान न होने की बात भी ग्रामीणों ने तहसीलदार को बताई। तहसीलदार ने लेखपाल को रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द नाविक मनदीप सिंह का पिछले वर्ष का बकाया भुगतान कराया।


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