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सावन के अंतिम सोमवार को हुआ भोलेनाथ का जलाभिषेक

मंदिरों में महंतों के द्वारा भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। इसके अलावा कहीं जल से तो कहीं दूध से भोलेनाथ का अभिषेक होता रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:43 PM (IST)
सावन के अंतिम सोमवार को हुआ भोलेनाथ का जलाभिषेक
सावन के अंतिम सोमवार को हुआ भोलेनाथ का जलाभिषेक

लखीमपुर : सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार को भी शिव भक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। मंदिरों में भक्तों को जाने की इजाजत नहीं थी। वहां महंतों के द्वारा भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। इसके अलावा कहीं जल से तो कहीं दूध से भोलेनाथ का अभिषेक होता रहा। घरों पर भक्तों ने भोलेनाथ को गंगाजल से अभिषेक कराया। नर्वदेश्वर महादेव को जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करके भक्तों ने अंतिम सोमवार को उनकी आरती उतारी।

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सावन के पूरे महीने पूजा पाठ तथा अनुष्ठान करने वालों ने अनुष्ठान पूरा होने के बाद प्रसाद का भी वितरण किया। मंदिर बंद होने के कारण वहां कोई आयोजन नहीं हो सका लेकिन, घरों में भोलेनाथ के भक्तों ने आरती उतारकर प्रसाद वितरण किया। शहर के सबसे पुराने भुईंफोरवा नाथ मंदिर में वहां की महंत रामकली ने भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक, जंगली नाथ मंदिर में मोहन जी शुक्ला ने गंगाजल से अभिषेक करके भोलेनाथ की आरती उतारी। लिलौटी नाथ मंदिर में भी तीनों वक्त आरती करके भक्तों ने भोलेनाथ का फूलों से श्रृंगार भी किया।


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