भाइयों का तिलक कर की लंबी उम्र की कामना
लखीमपुर: भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर
लखीमपुर: भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक करके उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार दिए। त्योहार को लेकर एक दिन पहले से ही, तैयारियां तेज हो गई थी। लोगों का आवागमन शुरू हो गया था। दूरदराज से आकर भाइयों ने बहनों से तिलक कराया।
भाई दूज पूजन का मुहूर्त सुबह साढ़े दस बजे से था, आंगन में चौक बनाकर बहनों ने भाइयों को तिलक किया तथा उनका मुंह मीठा कराया, बहनों ने भाइयों को उपहार दिए। इस मौके पर शहर की मिठाई की दुकानों तथा गिफ्ट हाउस ऊपर भी खासी भीड़ दिखाई दी शाम तक बहनों के लिए उपहार खरीदने का सिलसिला जारी रहा। भाई-बहन के इस पर्व पर घरों में सुबह से शाम तक पूजा-पाठ का क्रम चला। यम द्वितीया होने के कारण लोगों ने घरों में कलम दवात का भी पूजन किया। चौक पर गणेश लक्ष्मी की मूर्ति के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गई। शहर के कई मुहल्लों में भाई दूज पर्व पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा की। जहां कई परिवारों ने मिलकर चौक सजाई। शाम तक गुरुद्वारा भाइयों को तिलक करने का क्रम जारी रहा।
निघासन संवादसूत्र के अनुसार : भैया दूज के मौके पर बहनो ने व्रत रख कर बड़े श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की। पूजन के दौरान कन्याओ ने अपनी अपनी किताबों आदि की भी पूजा की। इसके बाद बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर भाइयों की मीठे खिलौने, मिठाई व चूरा आदि खिलाते हुए भगवान से भाइयों के लिए लंबी उम्र की कामना की।
गोला गोकर्णनाथ संवादसूत्र, दीपावली के पंचदिवसीय पर्वों की श्रंखला में शनिवार को कायस्थ बंधुओं ने कुलदेवता चित्रगुप्त महाराज का विधिवत हवन पूजन कर कलाम दवात का पूजन किया। इसके बाद पूजित लेखनी से खातों का नवीनीकरण कर कागजों का पूजन किया। धन के देवता कुबेर, मां काली, यम एवं इंद्र का पूजन कर प्रसाद वितरण किया गया। घरों में पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों व घंटा घडियाल की धुनों पर आरती संपन्न कराई। पूजन के उपरांत बहनों ने भाईयों की लंबी उम्र की कामना से कलाई पर दूज बांधकर उत्साहपूर्वक भैया दूज का पर्व मनाया। उधर एक दिन पूर्व दीपावली के पर्व पर समूचे क्षेत्र में धूमधाम से पर्व मनाया गया। पौराणिक शिवालय, खुटार रोड स्थित राम जानकी मंदिर, मिल स्थित श्री लक्ष्मी नारायन मंदिर, मां मंगला देवी मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर लाल्हापुर स्थित सांई बाबा मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों को रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया। वहीं घरों में लोगों ने विभिन्न प्रकार की मोमबत्तियों, झालरों से प्रकाशित कर दीपावली का पर्व खुशी एवं उल्लास के साथ मनाया।
पलिया कलां/गौरीफंटा संवादसूत्र के अनुसार : दीपावली त्यौहार की कड़ी में शनिवार को क्षेत्र में भैया दूज पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। बहनों ने अपने भाईयों के लिए पूजा कर दीर्घायु और समृद्धि की कामना की। बहनों ने अपने भाईयों को तिलक लगाकर मुंह मीठा कराया। नगर समेत आस पास के ग्रामीण इलाकों में परंपरागत ढंग से भैया दूज मना। वहीं पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। भैया दूज को त्यौहार को नेपाल में भाई टीका के नाम से मनाया जाता है। नेपाल में भी दीपावली के दौरान पांच दिनों तक कार्यक्रम होते हैं। इसी कड़ी में आखिरी दिन भाई टीका का पर्व मनाया गया। त्यौहार मनाने के लिए भारत के अलग-अलग शहरों में काम करने वाले नेपाली युवक अपने वतन लौट आए। घरों में बहनों ने अपने भाईयों को टीका लगाया। बदले में उन्हें उपहार मिले। इस बीच नेपाल में तीन दिनों का राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया था।
बरमबाबा संवादसूत्र के अनुसार दीपावली के पश्चात गोवर्धन पूजा और भैया दूज परंपरागत ढंग से हर्षोल्लास के साथ ग्रामीण क्षेत्र में मनाया गया। इसको लेकर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में भी रौनक नजर आई। बहनों ने मंदिरों में पहुंच अपनी भाईयों की मंगल कामना के साथ पूजा-अर्चना की। भीरा संवाद सूत्र के अनुसार प्राचीन शिव मंदिर में कुट्टू का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में कढ़ी चावल वितरित किया गया। जिसमें कस्बे के विजेंद्र जैन, राजेश अग्रवाल, मनोज कुमार, विनोद कुमार आदि ने सहयोग प्रदान किया।