बीईओ की मनमानी, खाद्यान्न मिला न कन्वर्जन कास्ट
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की मनमानी से पोस्ट नहीं हो पा रहा पैसा। कोटेदार के जरिए खाद्यान्न और उनके अभिभावकों के खाते में कन्वर्जन कास्ट का पैसा दिया जाए।
लखीमपुर: शासन ने निर्देश दिया था कि जो बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं, उन्हें कोटेदार के जरिए खाद्यान्न और उनके अभिभावकों के खाते में कन्वर्जन कास्ट का पैसा दिया जाए। इसके विपरीत जिला खीरी में खंड शिक्षा अधिकारियों और बैंकों की मनमानी के कारण अभी तक न तो खाद्यान्न मिला है और न ही कन्वर्जन कास्ट। बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने नगरीय क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारियों को फिर से रिमाइंडर जारी कर जल्द भुगतान कराने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, नगर पंचायत क्षेत्र के धौरहरा, ओयल, खीरी, निघासन, मैलानी, बरबर, सिगाही समेत सभी जगहों पर परिषदीय स्कूल के बच्चों को एनजीओ की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। शासन बच्चों को 90 दिन का खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट दे रही है। शासन ने इस बाबत निर्देश सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए जारी किया गया था। जिसमें प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूल के बच्चों को अलग-अलग मानक के अनुसार कोटे की दुकान से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। साथ ही कन्वर्जन कास्ट का पैसा देने के लिए शिक्षकों को बच्चों के अभिभावकों का बैंक खाता जुटाने का निर्देश दिया गया था। नगरी क्षेत्रों में खंड शिक्षा अधिकारी एनजीओ के भरोसे रह गए। कहीं पर भी बच्चों को खाद्यान्न नहीं दिया गया। वहीं ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों ने अभिभावकों के बैंक खातों की सूची तैयार कर बैंकों को भेज दी है लेकिन, किसी ब्लॉक में बैंकों की ओर से कन्वर्जन कास्ट अभिभावकों के खातों में पोस्ट नहीं की गई है। इससे बच्चों को मिलने वाला चार से पांच करोड़ रूपया बैंकों में ही लटका हुआ है। बीएसए ने बताया कि रिमांडर जारी कर खंड शिक्षा अधिकारियों को चेताया गया है। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।