Kamlesh Tiwari Murder: एटीएस ने एक और संदिग्ध को लिया हिरासत में Lakhimpur Kheri
कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में एसएसबी व एटीएस ने एक और संदिग्ध को नेपाल जाते समय पकड़ा है। माना जा रहा है कि आरोपितों की मदद करने के लिए वह यहां आया था।
लखीमपुर, जेएनएन। कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में शनिवार को एसएसबी व एटीएस ने एक और संदिग्ध को नेपाल जाते समय पकड़ा है। पकड़ा गया संदिग्ध पाकिस्तानी कश्मीर का रहने वाला बताया गया है। इसका संबंध भी कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपितों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आरोपितों की मदद करने के लिए वह यहां आया था और अब नेपाल जा रहा था जिसे पकड़ लिया गया।
कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपितों के मददगारों की संख्या यहां पर भी कम नहीं है। पुलिस अब तक चार लोगों को उठा चुकी है और उनसे पूछताछ चल रही है। आरोपितों के बार्डर पार कर नेपाल जाने को लेकर एसएसबी व पुलिस की किरकिरी होने के बाद अब दोनों एजेंसियों के अधिकारी मुस्तैद हो गए है। शनिवार को सुबह करीब 10 बजे पलिया से गौरीफंटा जा रही बस को बीच रास्ते में डिगनिया के पास रोककर पूरे बस की तलाशी ली गई। उसमे से काश्मीरी जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति को बस से उतार कर हिरासत में ले लिया गया।
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वकील समेत तीन गिरफ्तार
बता दें, कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में बरेली के मौलाना कैफी अली के बाद वकील मु.नावेद रजा सिद्दीकी के साथ लखीमपुर के निवासी रईस व आसिफ को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। वकील नावेद के कहने पर रईस व आसिफ ने हत्यारोपित अशफाक व मोईनुद्दीन को मोबाइल व रुपये उपलब्ध कराये थे। बीते शुक्रवार 25 को पुलिस ने हत्यारोपित अशफाक व मोइनुद्दीन से वकील नावेद का सामना कराया था। पुलिस बयानों के आधार पर अब तक सामने आये तथ्यों की कडिय़ां जोड़ी गईं। आरोपित वकील व लखीमपुर निवासी दोनों युवकों की भूमिका हत्यारोपितों के मददगार के रूप में सामने आई। वकील नावेद को साक्ष्य छिपाने का भी आरोपित बनाया गया है। कमलेश हत्याकांड में अब तक गिरफ्तार आरोपितों की संख्या 10 हो गई है।
लखनऊ दिनदहाड़े कमलेश की हुई थी हत्या
लखनऊ के खुर्शेदबाग में 18 अक्टूबर को दिनदहाड़े कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी। वह अयोध्या मामले को हिंदू महासभा की तरफ से देख रहे थे। हत्यारों ने कमलेश तिवारी के बायें जबड़े पर गोली मारने के बाद गला रेत दिया। गोली पीठ में जाकर फंस गई। इसके बाद धारदार हथियार से गला रेत दिया और श्वास नली कटने से मौत हुई। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में 13 घाव चाकू के वार से हैं। वारदात के बाद हत्यारे पैदल ही भाग निकले। कमलेश लंबे समय से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे और यह वारदात तब हुई, जब उनके आवास के बाहरी हिस्से में एक पुलिसकर्मी मौजूद था। वारदात के बाद दोनों हत्यारे लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत व अन्य स्थानों पर छिपते रहे, लेकिन यूपी पुलिस चार दिनों तक पीछा करने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही।