ग्रामीण क्षेत्रों में 89 हेल्थ वेलनेस सेंटर बनेंगे
ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए जिले में 89 नए उप-केंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंट के रूप में बदला जाएगा।
लखीमपुर : ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए जिले में 89 नए उप-केंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में बदला जाएगा। यहां प्रसव कराने की पूरी सुविधा दी जाएगी। ज्ञात हो कि 83 उप-केंद्रों को डिलीवरी प्वाइंट बनाया जा चुका है, अब यह दूसरा चरण है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूताओं को जिला मुख्यालय तक लंबी दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए शासन ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से यह सुविधा दी है। छह माह के अंदर जिले के विभिन्न विकास खंडों में उप-केंद्रों को प्रसव कराने के लिए हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में तैयार करके यहां एएनएम तथा स्टाफ नर्स इत्यादि की भर्ती भी शुरू हो जाएगी।
सुरक्षित प्रसव कराने के साथ-साथ मां और बच्चे की मृत्यु दर कम करने के लिए शासन ने एक साल पहले जो हेल्थ वेलनेस सेंटर की योजना शुरू की थी, उसमें अब और बढ़ोतरी हो रही है। गांवों के दूरस्थ क्षेत्र जहां से लोग जिला महिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समय से नहीं पहुंच सकते, उनके लिए अब उन्हीं के गांव में उप-केंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में तैयार करके वहां सुरक्षित प्रसव की सुविधा दी जा रही है। इससे पहले 83 उप-केंद्र बनाए जा चुके हैं। इतना ही नहीं यहां पर 56 प्रभारी भी तैनात किए जा चुके हैं। जल्द ही यहां प्रसव कराने का काम भी शुरू हो जाएगा। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि फरधान कुंभी समेत जितने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र हैं, वहां 89 उप-केंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है, जहां कुशलता के साथ प्रसव कराए जा सकेंगे। एक हेल्थ वेलनेस सेंटर पर छह लाख रुपये की लागत आती है। इस दिशा में तेजी से काम शुरू किया जाना है, जिससे मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर रोकने के साथ-साथ लोगों को अन्य सुविधाएं भी दी जा सके।