492 से बढ़कर अचानक 770 हो गए एक्टिव मरीज
जिले में रविवार को कोरोना के 67 केस सामने आए हैं।
लखीमपुर : जिले में रविवार को कोरोना के 67 केस सामने आए हैं। एक दिन पहले जिले में कुल 492 एक्टिव मरी थे, लेकिन रविवार को जारी आंकड़े के मुताबिक 770 एक्टिव केस गए हैं। आंकड़ों में यह बाजीगरी लोगों की समझ से परे है।
यह सही है कि जिले में कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन जब कोरोना कर्फ्यू हटाने की बात आई तो अचानक आंकड़े बढ़ गए। डीएम शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि रविवार को लैब से कुल 923 रिपोर्ट आई हैं। इसमें 62 पॉजिटिव व 781 निगेटिव हैं। वही अन्य लैब व एंटीजन से पांच पॉजिटिव रिपोर्ट मिली हैं। रविवार को जो संक्रमित मिले हैं, उनमें लखीमपुर में 11, नकहा में पांच, मितौली में एक, फूलबेहड़ में पांच निघासन में छह, पलिया में छह, पसगवां में एक, ईसानगर में चार, मोहम्मदी में सात संक्रमित मिले हैं। बेहजम में दो, रमियाबेहड़ में एक, कुंभी में 11 व बांकेगंज में तीन और बिजुआ में चार लोग संक्रमित मिले हैं। जिले में एक्टिव केस 770 हैं। प्रशासन का दावा है कि इसमें 89 दूसरे जिलों के हैं, 180 डुप्लीकेट व रिपीट नाम शामिल हैं। रेडीमेड कपड़ा व्यवसाई के पुत्र का कोरोना से लखनऊ में निधन लखीमपुर : रेडीमेड कपड़ा व्यवसाई नरपत जैन के बड़े बेटे गजेंद्र जैन 38 दिन बाद कोरोना से अंतत: जंग हार गए। लखनऊ में इलाज के दौरान उनका रविवार को निधन हो गया।
मुहल्ला संतोष नगर कॉलोनी निवासी गजेंद्र जैन (30) को गत 21 अप्रैल को कुछ दिक्कत महसूस हुई। 25 अप्रैल को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर गजेंद्र को जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन, बेड और ऑक्सीजन न मिलने के कारण गजेंद्र को लखनऊ ले जाकर अटरिया स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ दिन बाद कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन इस दौरान अचानक आंख, दांत, कान में दर्द होने लगा। इसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन फायदा न होने पर गोमतीनगर के अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। पहली बार एमआरआइ में कुछ स्पष्ट नहीं हुआ। दोबारा एमआरआइ कराया गया तो ब्लैक फंगस होने की जानकारी लगी। 15 मई को आंख का ऑपरेशन भी हो गया था लेकिन, फेफड़े में इंफेक्शन के चलते गजेंद्र आखिर कोरोना से जंग हार गए। कोरोना संक्रमण के चलते गजेंद्र के चचेरे भाई सत्येंद्र जैन के पिता सुरपत जैन और माता के अलावा चाचा सुरेंद्र जैन का निधन पहले ही हो चुका है।