एक घर से दो दिन में निकले 32 सांप
एक मकान में 32 सांप निकलने से मुहल्ला खेरे में हड़कंप मच गया।
लखीमपुर: एक मकान में 32 सांप निकलने से मुहल्ला खेरे में हड़कंप मच गया और ग्रह स्वामियों को रातभर नींद नहीं आई। सूचना के बाद भी वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
खेरे मुहल्ला में परसराम गुप्ता बाजार में हार्डवेयर की दुकान है। वह पैतृक घर पर ही रहते हैं। वहां शुक्रवार को एक सांप निकला, देखते-देखते घर के कई स्थानों से 18 सांप निकले। सांपों के निकलने से ग्रहस्वामी सहित मुहल्लेवासी दहशत में आ गए। कुछ लोग इन सांपों को नाग बता रहे थे, रात को यहां एक बाबा भी बुलाए गए, लेकिन सांप का निकलना बंद नहीं हुए। शनिवार को भी उसी जगह से 14 सांप निकले।
सात से 15 साल में जर्जर हो गए 25 परिषदीय स्कूल
जर्जर परिषदीय स्कूलों के मूल्यांकन और नीलामी में जिम्मेदार अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले में 25 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं, जिनका निर्माण कराए सात से लेकर 15 साल तक ही गुजरे थे, लेकिन जिम्मेदारों ने उन्हें ध्वस्तीकरण की सूची में डाल दिया। बाकायदा कंडम घोषित करने के बाद इनकी नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई। जब मामले की शिकायत हुई तो तब आनन-फानन में पड़ताल शुरू कराई गई। कई बैठकों में मामला तूल पकड़ने लगा तो बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने तत्कालीन बीईओ व निर्माण प्रभारियों को नोटिस जारी कर दी है।
इन विद्यालयों में 2012 में बना मितौली का प्राथमिक विद्यालय खुटेहना, उच्च प्राथमिक स्कूल इमलीखेड़ा, धौरहरा का प्राथमिक स्कूल रणजीतगंज, प्राथमिक स्कूल बेलवा समर्दा, प्राथमिक स्कूल पंचमपुरवा, अवस्थी पुरवा, उच्च प्राथमिक विद्यालय हरसिंहपुर, प्राथमिक स्कूल जुगनूपुर, प्राथमिक स्कूल कोनिया, कौंदहापुरवा, प्राथमिक स्कूल मौलही, उच्च प्राथमिक स्कूल बेलवा समर्दा है। इसके अलावा बिजुआ ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय बांसी, फूलबेहड़ का प्राथमिक विद्यालय दुधवा मिदनिया, प्राथमिक स्कूल इब्राहिमपुर, पसगवां का प्राथमिक विद्यालय पिपरोला, उच्च प्राथमिक स्कूल सुनौरिया, प्राथमिक स्कूल ढकिया रूप, उच्च प्राथमिक विद्यालय अमरौलिया शामिल है। लखीमपुर ब्लाक का प्राथमिक स्कूल ऐंठापुर, उच्च प्राथमिक करनपुर मुर्तिहा, उच्च प्राथमिक कैमहरा बालिका, पलिया का उच्च प्राथमिक स्कूल सूड़ा, निघासन का प्राथमिक स्कूल ढखवा गदियाना व उच्च प्राथमिक विद्यालय मटहिया शामिल है। बीएसए ने बताया कि अधिकारियों से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।