25 पंचायत भवनों के लिए नहीं मिल पाई जमीन
प्रदेश सरकार की मंशा है कि इस बार चुनाव के बाद ग्राम प्रधान पंचायत भवनों में ही बैठक करेंगे।
लखीमपुर: प्रदेश सरकार की मंशा है कि इस बार चुनाव के बाद ग्राम प्रधान पंचायत भवनों में ही बैठें, लेकिन तैयारियों को देखकर यह कतई नहीं लगता है कि चुनाव से पहले पंचायत भवनों का कायाकल्प हो पाएगा। जिलेभर में 25 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पंचायत भवन के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। प्रशासन जमीन की तलाश नहीं कर पा रहा है।
जिले की जिन 412 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी, उनमें जमीन को लेकर विवाद फंसा है। सदर ब्लॉक की एक ग्राम पंचायत में जो जमीन चिन्हित है, उसके ऊपर से 11 हजार की हाईटेंशन लाइन निकली है। इसी तरह से कई जगह ऐसी हैं, जो बाढ़ प्रभावित हैं। बाढ़ के दौरान यहां पानी भर सकता है। इसलिए दूसरी जगह जमीन तलाशी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह पंचायत भवन ग्राम पंचायत के सचिवालय के रूप में विकिसत किए जाने हैं। पंचायत भवन बनाने के लिए बजट भी जारी हो चुका है। बताया जाता है कि प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासकों के डोंगल तैयार होने में दिक्कत आई, इसलिए जनवरी में काम धीमा हुआ। अब काम तेजी से शुरू हुआ है। डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने बताया कि 30 पंचायत घर तैयार हैं। 130 में छत पड़ गई है। बाकी काम चल रहा है। मॉनीटरिग कराई जा रही है। पंचायत भवन तैया करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। डीपीआरओ का कहना है कि पंचायत भवन की जमीन के लिए सभी एसडीएम को पत्र लिखा गया है।
कुकरा: पंचायत भवन लगभग 40 साल पहले बनाया गया था। जिसकी हालत जर्जर हो चुकी है। पंचायत भवन में अब कोई मीटिग नहीं होती है। 2005 से लेकर 2010 के बीच बैठक हुई थी। इस पंचायत की जर्जर हालत देखने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया। पंचायत की बैठक हर बार विद्यालय में होती है। जबकि कुकरा एक न्याय पंचायत है, जिसमें 10 ग्राम सभाएं आती हैं।