127 साल का सफर खत्म, दुल्हन की तरह सजकर विदा हो चली आखिरी ट्रेन
पीलीभीत के लिए अंतिम ट्रेन 52208 अप रवाना होने के साथ ही मैलानी-पीलीभीत के मध्य 127 साल पुराने मीटरगेज का सफर यहीं समाप्त हो गया।
लखीमपुर (जेएनएन)। पीलीभीत के लिए अंतिम ट्रेन 52208 अप रवाना होने के साथ ही मैलानी-पीलीभीत के मध्य 127 साल पुराने मीटरगेज का सफर यहीं समाप्त हो गया। अंंतिम ट्रेन को दुल्हन की तरह सजाया गया और उसे विदा करने के लिए बुधवार को रेलवे अधिकारी और कस्बे के व्यापारी व आम जनता पहुंची। मैलानी रेलवे स्टेशन पर दोपहर 1.50 बजे सजी मैलानी-पीलीभीत पैसेंजर ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले काफी संख्या में बच्चे, युवा और बुजुर्ग प्लेटफार्म पर एकत्र हुए और मीटरगेज ट्रेन और डीजल इंजन पर चढ़कर फोटो खिंचवाई।
तिलक लगा और स्मृति चिह्न देकर विदाई
मैलानी-पीलीभीत की अंतिम ट्रेन को लोको पायलट राजेश सिंह और सहायक लोको पायलट विकास कुमार, गार्ड जय सिंह पाल और उमेश सिंह लेकर गए। इससे पहले स्टेशन अधीक्षक राजेश गुप्ता और जनसंपर्क अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड को तिलक लगाकर और स्मृति चिह्न देकर विदाई दी। स्टेशन के अन्य विभागों के कर्मचारी भी इस मौके पर काफी भावुक दिखाई दिए। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि मैलानी-पीलीभीत के 68 किमी. लंबे मीटरगेज के अमान परिवर्तन पर 166 करोड़ का व्यय आएगा और यह प्रोजेक्ट दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आखिरी ट्रेन में सफर कर लम्हे को बनाया यादगार
मैलानी-पीलीभीत की अंतिम ट्रेन में यात्रा करने को लेकर यात्री रोमांचित नजर आए। रेलयात्री विजय सिंह ने बताया कि वे यात्रा को यादगार बनाने के लिए इस ट्रेन से पूरनपुर तक जा रहे हैं। कई लोग तो अपने पूरे परिवार के साथ ट्रेन में पीलीभीत तक के लिए रवाना हुए। बुकिंग आफिस के मुताबिक मैलानी-पीलीभीत के लिए 152 टिकट की बिक्री हुई।