कोरोना से 12 संक्रमित व्यक्तियों की मौत, 274 नए मरीज मिले
जिले में नए संक्रमित मरीजों के मिलने का आंकड़ा राहत पहुंचाने वाला था।
लखीमपुर: जिले में नए संक्रमित मरीजों के मिलने का आंकड़ा राहत पहुंचाने वाला था, लेकिन कोरोना से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से 12 संक्रमित व्यक्तियों की मौत हुई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। मरने वालों में ज्यादातर शहरी क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इन्हें मिलाकर जिले में मरने वालों की संख्या 148 तक पहुंच गई है। पिछले 10 दिनों में बुधवार को संक्रमित मरीजों में काफी गिरावट आई है। जिले भर में कुल 274 मरीज ही चिन्हित किए गए हैं। इससे पहले प्रतिदिन आंकड़ा 500 से 600 के बीच आ रहा था। नए मरीजों के कम मिलने से जिले में एक्टिव केस 3322 हो गए हैं।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ लैब से कुल 525 रिपोर्ट आई है। जिसमें 130 पॉजिटिव व 395 निगेटिव हैं। अन्य लैब व एंटीजन से 144 पॉजिटिव मिले हैं। ब्लॉक लखीमपुर में सबसे अधिक 122 मरीजों की पहचान हुई है। नकहा में 11, फूलबेहड़ में नौ, ईसानगर में सात, धौराहरा में पांच, निघासन में दो, रमियाबेहड़ में 11, बांकेगंज में नौ, पसगवा में 27, मितौली में 10, कुम्भी में 29, पलिया में छह, बिजुआ में 12, बेहजम में छह तथा मोहम्मदी में आठ नए मरीज पाए गए हैं।
कोरोना से संतोष नगर में एक माह में नौ मौतें संतोष नगर कॉलोनी में एक माह के अंतराल में नौ लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। शहर की इस कॉलोनी के निवासी व्यापारी राजेश अग्रवाल की पुत्र वधु की तीन चार दिन से बीमार थी। सोमवार को हालत बिगड़ी तो पति नरेश महावर अपनी पत्नी को लेकर लखनऊ भागे। वहां इलाज के दौरान मंगलवार को उनका निधन हो गया। राजेश अग्रवाल का मोमबत्ती का व्यवसाय था। नरेश उनके सबसे छोटे पुत्र हैं। राजेश अग्रवाल के घर के ठीक सामने स्वर्गीय विद्याधर का मकान है। जिसमें उनके तीन पुत्र अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी छोटी बहू का भी सोमवार की सुबह निधन हो गया। बताते हैं कि अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। जब तक परिवारीजन कुछ सोंच पाते उनका निधन हो गया। महिला की उम्र लगभग 35 वर्ष थी।
17 अप्रैल को स्वर्गीय रामौतार अग्रवाल के परिवार में उनके तीन पुत्रों की मौत से शुरू हुआ सिलसिला अब तक थमने का नाम नही ले रहा। एक- एक कर अब तक नौ लोग काल के गाल में समा चुके हैं। इनमें तीन महिलाएं है। शहर के प्रतिष्ठित रेडीमेट कपड़े और साड़ी के व्यवसाई परिवार में भी दो भाइयों की कोरोना संक्रमित होने से मौत हो चुकी है। पहले बड़े भाई सुरपत जैन और उसके बाद छोटे भाई सुरेंद्र जैन की इलाज के दौरान बरेली में मृत्यु हो गई। दोनों भाइयों की पत्नियां बरेली में भर्ती हैं। नरपत जैन का एक पुत्र लखनऊ में भर्ती है उसका अब भी इलाज चल रहा है। इसी मुहल्ले के निवासी सीए मनोज अग्रवाल का भी कोरोना से निधन हो गया। व्यापारी बजरंग सिघल की माता का निधन हो गया। इस मुहल्ले में अब तक नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मुहल्ले में कई लोग बीमार हैं। यहां कोरोना संक्रमितों की मौत से हेल्थ अफसरों की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। बस मुहल्ले के लोगों में बीमारी को लेकर खलबली मची हुई है।