.जब जाम ने रोक दी डगर
कुशीनगर : यातायात माह में ही नगर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। छठ त्योहार को लेकर यातायात विभाग
कुशीनगर : यातायात माह में ही नगर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। छठ त्योहार को लेकर यातायात विभाग द्वारा किए गए रूट डायवर्जन से लोगों को सहूलियत कम परेशानियां अधिक हुईं। दोपहर के 12 बजते ही नगर जाम की चपेट में आ गया और सुगम आवाजाही को लेकर तैनात यातायात कर्मी व होमगार्ड्स लाचार दिखे। नतीजा हुआ कि नगर की डगर पर चलना मुश्किल हो गया। दक्षिण में छावनी तथा पश्चिम में बावली चौक तक वाहनों की लंबी कतार लग गई और देर शाम तक इन सड़कों पर दो व चार पहिया वाहन रेंगते तो उधर जाम से जूझते लोग व्यवस्था को कोसते नजर आए। हुआ यूं कि दिन चढ़ने के साथ ही नगर में छठ की खरीदारी करने वालों की भीड़ बढ़ती गई। ऊपर से कई दिनों के अवकाश के बाद सोमवार को सरकारी कार्यालय व बैंकों के खुलने के चलते भी लोगों की आवाजाही लगी रही। दोपहर होते होते नगर में सुगम यातायात की व्यवस्था पूरी तरह धराशाई हो गई। नगर के कठकुइयां मोड़ से सुभाष चौक तथा सुभाष चौक से रोडवेज बस स्टेशन के सामने तक दोनों तरफ जाम लग गया। नगर की यातायात व्यवस्था में जुटे होमगार्ड्स जवान व यातायात सिपाही जाम समाप्त करने में जुटे रहे, लेकिन कोई नतीजा नजर नहीं आया। देखते ही देखते दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों का रेला बढ़ता गया और दक्षिण में छावनी तक व पश्चिम में बावली चौक तक भीषण जाम लग गया। यातायात प्रभारी परमहंस यादव मातहतों संग कठकुइयां तिराहे पर जमे रहे, पर उनकी भूमिका भी सिर्फ आमजन की तरह जाम की समस्या को निहारने तक रही। जाम का असर सड़क किनारे स्थित दुकानों पर भी दिखा। दुकानदार परेशान नजर आए। उनका कहना था कि रूट डायवर्जन का निर्णय कारगर होने की बजाय तकलीफदेह साबित हुआ।
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जाम में फंसे रहे स्कूली बच्चे व महिलाएं
-नगर में लगे जाम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे व महिलाएं भी जूझती रहीं। लगभग सभी स्कूलों के छुट्ठी होने का समय दोपहर में ही है। ऐसे में छुट्टी होने के बाद घर के लिए निकले बच्चे जाम में फंसे रहे।
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जाम में फंसी रही एंबुलेंस
-नगर के बावली चौक से छावनी मोहल्ले तक लगे जाम में एंबुलेंस की भी गाड़ियां फंसी रहीं। रामकोला रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के निकट जाम में फंसे एंबुलेंस का चालक मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाने की बात कहता रहा, पर इसे लेकर न तो आगे खड़े वाहनों के चालक ही संवेदनशील दिखे न ही नगर के यातायात व्यवस्था में तैनात यातायात सिपाही व उनके प्रभारी।