Move to Jagran APP

फोरलेन पर ट्रामा सेंटर नहीं, हादसों में जा रही जानें

कुशीनगर में 76 किमी की दूरी में दुघर्टना होने पर घायलों को नहीं मिल पाता समय से इलाजडेंजर जोन में सर्वाधिक बढ़ रहीं दुर्घटनाएं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 12:01 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 12:01 AM (IST)
फोरलेन पर ट्रामा सेंटर नहीं, हादसों में जा रही जानें
फोरलेन पर ट्रामा सेंटर नहीं, हादसों में जा रही जानें

कुशीनगर : फोरलेन पर ट्रामा सेंटर नहीं होने से दुर्घटना में घायलों को समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है। यह हाल करीब 76 किमी तक है। प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस घायलों को नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तो ले जाती है पर समुचित इलाज के अभाव में कई मामलों में मौत हो जाती है।

loksabha election banner

दिसंबर 2012 में फोरलेन का निर्माण पूरा हुआ। गोरखपुर जिले की सीमा रामपुर बुजुर्ग से बिहार की सीमा तक मार्ग की लंबाई 76 किमी है। हाइवे पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (नेशनल हाइवे अथारिटी) द्वारा उपलब्ध कराए गए दो एंबुलेंस अथवा सरकारी एंबुलेंस ही इमरजेंसी सेवा में दिखते हैं। हादसों की वजह सड़क पर चलने के दौरान चालकों से होने वाली चूक तो है ही, यातायात नियमों का उल्लंघन भी शामिल है। सड़क पर गलत दिशा में चलने के साथ ही छोटी-छोटी लापरवाही से जान पर बन आती है। अधिकतर हादसों में चालक क्रासिग अथवा डेंजर जोन में भी वाहनों की गति धीमी नहीं करते हैं। पैदल चलने वाले लोग अथवा सड़क क्रास करने वाले वाहन लंबी दूरी के वाहनों को बिना देखे ही सड़क क्रास करने लगते हैं, जिससे हादसे हो जाते हैं। आए दिन कहीं न कहीं मार्ग दुर्घटना में घायल व मरने वालों की सूचना मिलती है।

बीते साल एक जनवरी से 31 दिसंबर तक हुए हादसे- 426, मौत- 162, इस साल एक जनवरी से अब तक हादसे -221, मौत-98

यहां होते हैं सर्वाधिक हादसे

-सुकरौली

-हाटा बाघनाथ व कोतवाली चौराहा

-हेतिमपुर

-पकवाइनार

-कुशीनगर तिराहा

-गोपालगढ़ मोड़

-बरवा फार्म

-प्रेमवलिया

-धुनवलिया

-फाजिलनगर बघौच मोड़

-काजीपुर

-पटहेरवा व पटहेरिया चौराहा

-रजवटिया

-सलेमगढ़

सीएमओ डा. एनपी गुप्ता ने कहा कि

जिले में ट्रामा सेंटर न होने से मरीजों का त्वरित उपचार नहीं हो पाता है। इसलिए गंभीर रूप से घायलों को नजदीकी सीएचसी या पीएचसी ले जाना पड़ता है। ट्रामा सेंटर के लिए शासन स्तर पर पहल चल रही है। जनप्रतिनिधि भी इसके लिए प्रयासरत हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.