कामगारों के बहुरने लगे दिन, अपने शर्तों पर रवाना हुई टोली
कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के बाद तमाम दुश्वारी झेल कर गांव पहुंचे कामगारों के दिन फिर बहुरने लगे हैं। जिन कंपनियों ने तालाबंद कर कामगारों को उनके हाल पर छोड़ दिया था वही कंपनी आज घर पहुंच कर छह माह का पगार देकर अपने संसाधन से कई अन्य सुविधा देने का वायदा कर कामगारों को वापस बुला रही है। कामगार भी अब अपने शर्तों के मुताबिक फिर कार्य पर लौट रहे हैं।
कुशीनगर: कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के बाद तमाम दुश्वारी झेल कर गांव पहुंचे कामगारों के दिन फिर बहुरने लगे हैं। जिन कंपनियों ने तालाबंद कर कामगारों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, वही कंपनी आज घर पहुंच कर छह माह का पगार देकर अपने संसाधन से कई अन्य सुविधा देने का वायदा कर कामगारों को वापस बुला रही है। कामगार भी अब अपने शर्तों के मुताबिक फिर कार्य पर लौट रहे हैं।
मंगलवार को सुबह कामगारों का एक छोटा जत्था हापुड़ के लिए रवाना हुआ। कसया क्षेत्र के गांव सखवनिया बुजुर्ग, सखवनिया खुर्द व धरनीछापर के कामगार सुरेंद्र, मुमताज, विरेंद्र निषाद, सोनू यादव, गोलू, मोहन राजभर, किशोर, सुबास, पिटू, रामप्रीत, मिटू आदि ने बताया कि गांव के कुछ कामगार मद्रास व नोएडा की कंपनी में कार्य करने के लिए गए हैं। कहा कि कंपनी वालों ने हमारे शर्तों के मुताबिक एग्रीमेंट किया है। छह माह का पगार एडवांस दिया है। साथ ही रहने, खाने की व्यवस्था करने का वायदा किया है।