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दुष्टों के संहार को अवतरित होते हैं भगवान

भक्तों के कल्याण और दुष्टों के संहार के लिए भगवान अवतार लेते हैं। वे अपने भक्तों को कभी विस्मृत नहीं करते।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 11:34 PM (IST)
दुष्टों के संहार को अवतरित होते हैं भगवान
दुष्टों के संहार को अवतरित होते हैं भगवान

कुशीनगर: भक्तों के कल्याण और दुष्टों के संहार के लिए भगवान अवतार लेते हैं। वे अपने भक्तों को कभी विस्मृत नहीं करते। गोकुल से द्वारिका जाने के बाद भी भगवान श्रीकृष्ण गोपियों और ग्वाल बालों को सदैव याद करते रहते थे। यह बातें पंडित जयप्रकाश मिश्र ने कही। वे कप्तानगंज कस्बा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा का रसपान करा रहे थे। कहा कि एक बार भ्रमवश उद्धव ने श्रीकृष्ण से पूछा कि प्रभु मैं निरंतर आपकी सेवा में लगा रहता हूं और आपका ध्यान सदैव ग्वाल बालों और गोपियों पर रहता है। उनका भ्रम दूर करने के लिए एक पत्र सौंप श्रीकृष्ण ने कहा कि आप गोकुल जाकर गोपियों को मेरा संदेश पहुंचा दें कि वे हमें भूल जाएं व योग साधना करें। उद्धव गोकुल पहुंचे तो गोपियां उन्हें चारों तरफ से घेर लीं। उद्धव ने कहा कि प्रभु ने आप लोगों को योग साधना करने का संदेश भेजा है। गोपियों ने कहा कि हमारे पास एक ही मन था जो मोहन अपने साथ लेकर चले गए। जाकर उनसे कहिए, किस मन से योग साधना करें। इससे उद्धव का भ्रम दूर हो गया।

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