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मौत के सौदागर बने कुशीनगर के जर्जर विद्यालय भवन

क्रासर -जानलेवा बन रहे हैं परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवन -422 विद्यालय घोषित हो चुके हैं जर्जर जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी राघवेंद्र मल्ल जागरण संवाददाता पडरौना

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 05:35 PM (IST)
मौत के सौदागर बने कुशीनगर के जर्जर विद्यालय भवन
मौत के सौदागर बने कुशीनगर के जर्जर विद्यालय भवन

कुशीनगर: जर्जर हो चुके परिषदीय विद्यालयों के भवन जानलेवा साबित होने लगे हैं। आए दिन हो रही घटनाएं दिल दहला रही हैं। जर्जर हो चुके भवन या उसका हिस्सा चक्रवाती आंधी, मूसलधार बारिश में व अनायास ही गिरने लगे हैं। ऐसी घटनाओं से गांव-गांव में दहशत का माहौल है। लोग अब तो अपने बच्चों को परिषदीय विद्यालय के प्रांगण में खेलने, निष्प्रयोज्य पड़े जर्जर भवनों के आसपास जाने पर भी पाबंदी लगाने लगे हैं। पहली जून को गई किशोर की जान

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-जिला मुख्यालय के समीप सिसवा मठिया गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन के बर्जा के नीचे बारिश से बचने के लिए पहली जून को गांव का ही 15 वर्षीय दीपक गुप्ता खड़ा हुआ। उसे क्या पता था कि जर्जर भवन काल बनकर उसका इंतजार कर रहा है। गनीमत की विद्यालयों में अवकाश चल रहा है। यदि शिक्षण कार्य के दौरान यह हादसा होता तो मंजर कुछ और रहता। यह हैं जर्जर भवन

-पडरौना विकास खंड में 54, नेबुआ नौरंगिया में 30, विशुनपुरा में 35, कसया में 23, रामकोला में 16, खड्डा में 38, सेवरही में 32, हाटा में 10, तमकुही में 37, मोतीचक में 21, सुकरौली में 29, कप्तानगंज में नौ, फाजिलनगर में 70, दुदही में 18 समेत कुशीनगर में 422 विद्यालय जर्जर घोषित किए गए हैं। इनमें 361 प्राथमिक व 61 पूर्व माध्यमिक विद्यालय के भवन हैं। यह विद्यालय 2008 के पूर्व के बने हुए हैं। ध्वस्तीकरण के लिए गठित है तीन सदस्यीय टीम

-22 जनवरी 20 के शासनादेश पर एक फरवरी 2020 को तत्कालीन जिलाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने लोक निर्माण विभाग के एक्सियन हेमराज सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। इसमें ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के एक्सियन अतहर परवेज व लघु सिचाई विभाग के एक्सियन के अनिल मिश्रा शामिल हैं। टीम गठित होने के चार माह बाद भी अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी गई। जबकि डीएम की ओर से तीन बार व बीएसए दो बार रिमाइंडर भेज चुके हैं। बीएसए विमलेश कुमार ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी।

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-एक दिन में दो विद्यालय की जांच कर उसकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जिले भर में जर्जर भवनों की रिपोर्ट तैयार करने में तीन से चार माह अभी और लग जाएंगे, तब डीएम को ध्वस्तीकरण की रिपोर्ट दे दी जाएगी।

-हेमराज सिंह, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, कसया, कुशीनगर।


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