घटनाओं से सबक नहीं ले रहा महकमा
बीके यादव रेंजर खड्डा ने बताया कि विभाग में संसाधनों का अभाव है। खड्डा ब्लाक की भौगोलिक स्थिति नदी व जंगल से सटे होने के कारण जानवर भटक कर रिहायशी इलाकों में चले आते हैं। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। शीघ्र ही खड्डा रेंज में पिजरा उपलब्ध हो जाएगा तब जंगली जानवरों को पकड़ना आसान हो जाएगा।
कुशीनगर: खड्डा ब्लाक के दियारा के गांवों में एक वर्ष में आधा दर्जन से अधिक बार हुए तेंदुए के हमले से बन महकमा के अधिकारियों ने सबक नहीं ली। अगर इस पर गंभीरता के साथ नियोजन किया गया होता तो शायद कोइली देवी की मौत नहीं हुई होती। जबकि पूर्व के हमले में एक बालिका की मौत और रेंजर समेत 19 लोग घायल हो चुके हैं।
नारायणी के दियारा में नदी के दोनों तरफ एक दर्जन से अधिक गांव स्थित हैं। समीपवर्ती बिहार प्रांत के वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) और महराजगंज के सोहगीबरवा के जंगल से भटक कर अक्सर जंगली जानवर दियारा के गांवों में आते रहते हैं। आबादी में घुसने के बाद जंगली जानवर ग्रामीणों पर हमला करते हैं। श्लोक जायसवाल, जयप्रकाश सिंह, नंदलाल वर्मा, सुमंत दूबे आदि ने बताया कि पिछले वर्ष कई गांवों में तेंदुआ ने हमला किया था। 22 दिसंबर 2020 को भैंसहा के कोटवा टोला में काशी निषाद की सात वर्षीय पुत्री आरती व राधेश्याम निषाद की 26 वर्षीय पुत्री सीमा को तेंदुआ ने घायल कर दिया था। इलाज के दौरान आरती की मौत हो गई थी। 23 दिसंबर को वीरभार ठोकर के समीप पकड़ी बृजलाल निवासी भेड़पालक रमेश पाल, किरन, ध्रुव पर हमला कर तेंदुए ने घायल कर दिया था। 27 मार्च 2021 की शाम लखुआ लखुई गांव में पोखरे की निगरानी कर रहे अखिलेश व चारा काट रही प्रभावती देवी पर तेंदुआ ने हमला किया था। लोगों ने तेंदुआ को दो घंटे तक घेरे रखा। अंधेरा होने पर यूनुस, रूदल, नवल छपरा के जयसिंह, अंबर व बंजारीपट्टी के क्यामुद्दीन पर हमला कर तेंदुआ घेरा से बाहर निकल गया था। एक अप्रैल को भेड़ीजंगल के आजादनगर टोला में अदालत, पड़ोसी जनपद महराजगंज के पटखौली निवासी केदार प्रसाद, गणेश व सुकई पर हमला कर घायल कर दिया। कांबिग कर लौट रहे रेंजर बीके यादव व तमकुहीराज के फारेस्ट गार्ड शत्रुघ्न पर भी तेंदुआ ने हमला किया था। 16 जून को बाढ़ के दौरान तेंदुआ के हमले में शिवपुर की सरिता देवी, छोटेलाल व राकेश घायल हुए थे। 27 अक्टूबर को मदनपुर सुकरौली की 62 वर्षीय कोइली देवी तेंदुआ की शिकार बन गईं।
बीके यादव, रेंजर खड्डा ने बताया कि विभाग में संसाधनों का अभाव है। खड्डा ब्लाक की भौगोलिक स्थिति नदी व जंगल से सटे होने के कारण जानवर भटक कर रिहायशी इलाकों में चले आते हैं। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। शीघ्र ही खड्डा रेंज में पिजरा उपलब्ध हो जाएगा, तब जंगली जानवरों को पकड़ना आसान हो जाएगा।