कोरोना काल में ग्राहकों के साथ मजबूत हुए रिश्ते
कोरोना संक्रमण काल में दो महीने का लाकडाउन कारोबार के लिए संकट का समय रहा।
पडरौना, कुशीनगर : कोरोना संक्रमण काल में दो महीने का लाकडाउन, कारोबार के लिए संकट का समय रहा। इससे बाहर निकलना नामुमकिन था, लेकिन पुराने संबंधों व ग्राहकों के भरोसे पर खरा उतर कर कठिन समय के दौर से कारोबार को बाहर निकलने में सफलता मिली।
यह कहना है पुलकित अग्रवाल का। इनकी दुकान पडरौना-कसया मार्ग पर छावनी मोहल्ले में हैं। वह बताते हैं कि कोरोना काल में ग्राहकों का विश्वास, उनकी ईमानदारी और मानवता ही वे पहलू थे, जिनकी मदद से उनका कारोबार मुश्किल दौर से बाहर निकला। वर्ष 1994 में पिताजी उमाशंकर अग्रवाल ने लक्ष्मी ट्रेडिग कंपनी के नाम से हार्डवेयर की दुकान खोली। उनके सहयोग के लिए मैंने भी दुकान पर बैठना शुरू किया, धीरे-धीरे दुकान का विस्तार किया। सामान की गुणवत्ता से ग्राहकों में विश्वास पैदा किया। इसका लाभ यह मिला कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी।
वह बताते हैं कि लाकडाउन ने लगभग दो महीने तक कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया, लेकिन ग्राहकों से संवाद कायम रखने के लिए उनसे फोन पर संपर्क साधा गया। अब दुकान पर नए व पुराने ग्राहकों की आवाजाही बनी हुई है। संकट की इस घड़ी में कर्मचारियों ने पूरा साथ दिया तो मुश्किल घड़ी में मैंने भी उनके साथ खड़ा रहने का भरोसा दिया। लाकडाउन में ग्राहकों ने होम डिलिवरी की मांग की, जिस पर खरे उतरे। इससे ग्राहक संतुष्ट हुए और दुकान का खर्च निकलना शुरू हुआ। कारोबारियों को शर्तों के साथ छूट प्रदान की गई। इनमें हाट स्पाट से बाहर रहने वाले दुकानदारों को दुकान खोलने व सामान घर तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान किए जाने की बात प्रमुख रही। इससे कारोबार बढ़ चला।
उन्होंने बताया कि लाकडाउन में हमने ग्राहकों को वाट्सएप व फोन से जोड़ कर उन्हें सामान पसंद कराए और घरों तक डिलिवरी भी कराई। कोरोना संकट के दौरान बाजार पर पड़े असर ने कारोबार को प्रभावित किया है। दुकानें बंद रहने के कारण कई दिक्कतें एक साथ आईं। दुकान खुली भी तो ग्राहक नहीं थे। काफी दिक्कत थी, संक्रमण का खतरा भी अधिक था। डिलिवरी की मुश्किलों का निदान भी ग्राहकों के सहयोग से निकाला गया। लोग आनलाइन आर्डर और पेमेंट दोनों करने लगे। इस दौरान सामाजिक दायित्वों का भी ख्याल रखा गया। मौजूदा समय में वाट्सएप के जरिये ग्राहक जुटाए गए। कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया और जानकारियां दी गईं। तकनीक के माध्यम से घर बैठे ग्राहकों को हार्डवेयर से जुड़े कई सामान की वेराइटी दिखाई गई। ग्राहकों की मांग पर उन्हें सुविधा देते हुए मानक व गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराया गया। लोगों को कभी निराश नहीं होने दिया गया। हम और कर्मचारी का पूरा प्रयास होता है कि कोई ग्राहक असंतुष्ट न रहे। कर्मचारियों को भी यही सिखाया जाता है कि ग्राहक से मधुर बोलें। उन्होंने कहा कि यह धंधा जुबान व गारंटी पर चलता है। इसकी विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए ग्राहकों के साथ खुद को कसौटी पर खरा उतारा, ताकि किसी भी ग्राहक को कोई दिक्कत न हो। हार्डवेयर से जुड़े सामान बाहर से मंगाने के लिए कंपनियों वाट्सएप व फोन से आर्डर दिया, फिर डिजिटल भुगतान किया। यही कारण रहा कि कभी पेमेंट की वजह से सामान आने में विलंब नहीं हुआ। इसी तरह ग्राहकों को सामान होम डिलिवरी कराई गई। पुराने संबंधों को निभाते हुए पहले सामान भेजा गया और उसके बाद लोगों ने भुगतान किया। ग्राहकों व दुकानदार का एक-दूसरे पर विश्वास होना बहुत जरूरी होता है। इसमें हमने कोई कमी नहीं होने दी, इसी तरह हमारे ग्राहक भी हैं। सामान का भुगतान कोई नकद तो कोई आनलाइन कर देता है। अब कोरोना संक्रमण कम होने पर सरकार की गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए दुकानें खुल रही हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम में दुकान सैनिटाइज कराया जाता है। कर्मचारी मास्क लगाए रहते हैं। अभी उतने ग्राहक तो नहीं आ रहे हैं, लेकिन जो भी आते हैं उन्हें फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन कराते हुए दुकान में प्रवेश करने दिया जाता है। सामान दिखाने के बाद उन्हें अलग कुर्सी पर बैठने की व्यवस्था रहती है। उसके बाद होम डिलिवरी कराई जाती है। कोरोना संक्रमण ने लोगों को परेशान किया तो कई तरह का अनुभव भी दिया है।