रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के लिए सेवरही चीनी मिल ने की पहल
बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए नगरीय क्षेत्र के कालोनियों व गैर सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का अनुपालन नहीं किया गया है जिससे जल संरक्षण होना संभव नहीं दिख रहा है। गिरते जल स्तर में सुधार के लिए सरकार की 2017 में शुरू हुई भूजल संरक्षण मिशन भी परवान नहीं चढ़ी।
कुशीनगर : गर्मी के दिनों में ग्राउंड वाटर लेबल नीचे चले जाने से पंपिगसेट के माध्यम से किसानों को सिचाई कार्य में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निजात दिलाने व वर्षा जल संचय के प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से सेवरही चीनी मिल के डिस्टिलरी डिवीजन ने तमकुही विकास खंड के नीर निर्मल गांव पगरा प्रसाद गिरी के एक पोखरे को गोद लिया है।
पोखरे के तट पर सागौन के 300 पौधे भी लगाए गए। सहायक गन्ना प्रबंधक पशुपति नाथ शाही ने कहा कि ग्राम पंचायत के खसरा नंबर 121 में मौजूद तालाब को रेन वाटर हार्वेस्टिग के माध्यम से ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के उद्देश्य से गोद लेने के लिए प्रस्ताव किया गया था। ग्राम पंचायत के एनओसी मिलने पर कार्य शुरू करा दिया गया है। चीनी मिल के सहयोग से वर्षा जल संचय करने वाला क्षेत्र का प्रथम गांव होने से ग्रामीण गौरवान्वित हैं। इससे लोगों में भी जल संरक्षण के प्रति जागरूकता आई है।
बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए नगरीय क्षेत्र के कालोनियों व गैर सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का अनुपालन नहीं किया गया है, जिससे जल संरक्षण होना संभव नहीं दिख रहा है। गिरते जल स्तर में सुधार के लिए सरकार की 2017 में शुरू हुई भूजल संरक्षण मिशन भी परवान नहीं चढ़ी। इसको लेकर न तो आमजन ही जागरूक हुए और न ही जिम्मेदारों ने ध्यान दिया। यहां किसी भी सोसाइटी में इस सिस्टम का निर्माण नहीं कराया गया है। इसी के चलते यहां वर्षा जल की बर्बादी होती है। एडीएम विध्यवासिनी राय ने कहा कि बड़े भवनों में यह व्यवस्था है या नहीं, इसकी जांच कराई जाएगी। न मिलने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।