लक्ष्य निर्धारित करें, आसान होगी सफलता की राह
एसडीएम अनावश्यक बातों को मन से निकाल दें। सिर्फ लक्ष्य पर मन को केंद्रित करें किताबों को दोस्त बनाएं इससे आपकी काफी समस्या दूर हो जाएगी।
कुशीनगर : बाल दिवस पर शुरू हुए दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। सोमवार को न्यू ई-रम कांवेंट स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में एसडीएम तमकुही एआर फारूकी ने एक सफल मार्ग दर्शक के रूप में छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उनके जवाब से छात्र संतुष्ट नजर आए। आइए जानते हैं छात्रों के सवाल और एसडीएम के जवाब.
सवाल : मन एकाग्रचित नहीं रहता है, ऐसी स्थिति में क्या करें?
विकास चौरसिया कक्षा-10, नेशनल पब्लिक इंटर कालेज तमकुही।
एसडीएम : अनावश्यक बातों को मन से निकाल दें। सिर्फ लक्ष्य पर मन को केंद्रित करें, किताबों को दोस्त बनाएं, इससे आपकी काफी समस्या दूर हो जाएगी।
सवाल : प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए कैसे तैयारी करें?
तन्नू मिश्रा कक्षा-11-दयानंद सरस्वती शिशु मंदिर आजाद नगर, तमकुहीरोड।
एसडीएम: पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें, लक्ष्य निर्धारण होते ही आपकी राह आसान हो जाएगी। इसके बाद लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर अभ्यास करें, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
सवाल : अपने लक्ष्य का निर्धारण कब और कैसे करें ?
पायल मधेशिया कक्षा-9-न्यू इरम कांवेंट स्कूल तमकुही।
एसडीएम : दसवीं की परीक्षा पास कर यह तय करें कि आपकी रुचि किसमें है। बारहवीं आते-आते यह स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। रुचि के अनुसार ही लक्ष्य बनाएं, इसमें मां-पिता के सुझाव जरूर शामिल करें।
सवाल : अगर आर्थिक स्थिति कमजोर हो और लक्ष्य बड़ा हो तो क्या करना चाहिए?
अभिलाषा त्रिपाठी-कक्षा-9-दी प्रेसिडेंट स्कूल दनियारी, तरयासुजान।
एसडीएम : प्रतिभा संसाधन की मोहताज नहीं होती और वह अपना आकार बना लेती है चाहें छात्र जिस परिस्थिति में हो। आपको ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे, जिसमें संसाधनों की कमी के बाद भी बच्चों ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता अर्जित की है। सरकार भी ऐसे बच्चों के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। उन्हें शैक्षिक ऋण भी मिल रहा है।
सवाल : लक्ष्य निर्धारित होने के बाद भी वातावरण और घर का माहौल देखकर भटक जाती हूं, क्या करें?
पूजा वर्मा, कक्षा-9-दयानंद सरस्वती शिशु मंदिर, आ•ाद नगर तमकुही रोड।
एसडीएम : माहौल का असर पड़ता है, यह सही है लेकिन जब परिस्थितियां अनुकूल न हों तो ऐसे में हमें हिम्मत हारने की बजाय हालात का मुकाबला करना चाहिए। आप किताबों को अपना दोस्त बनाइए, अपने आसपास होने वाली गतिविधियों व बातों की अनदेखी करें। एक बार आप सफल हो गईं तब सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
सवाल : आप अपने विषय पर कैसे फोकस करते थे?
अनुपमा सराफ, बिगा मेमोरियल इंटरमीडिएट कालेज, गाजीपुर।
एसडीएम : शुरू से ही प्रशासन में जाना लक्ष्य था। समय का प्रबंधन किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत ही जरूरी है। रुचि वाले विषयों का चयन कर निरंतर अभ्यास किया। कुछ बाधाएं जरूर आईं, लेकिन हार नहीं मानी और प्रांतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए।
सवाल : पुलिस अधिकारी बनना हो तो कितने घंटे पढ़े?
निखिल मिश्र, कक्षा-10-न्यू इरम कांवेंट स्कूल, तमकुही।
एसडीएम : लक्ष्य निर्धारित कर नियमित छह से आठ घंटे पढ़ाई करें। गुरुजनों व बड़ों का सम्मान करते हुए अपना पक्का इरादा रखें। सफलता एक दिन जरूर मिलेगी। शारीरिक दक्षता भी जरूरी है।
सवाल : पाठ्यक्रम याद करने के बाद भी बार-बार भूल जाता है, इसके लिए क्या करना पड़ेगा?
दिव्या मिश्रा, कक्षा-11-दयानंद सरस्वती शिशु मंदिर, आ•ाद नगर, तमकुहीरोड।
एसडीएम : इसके लिए जरूरी है कि किताबों को पढ़ने के बाद आप एक शार्ट नोट भी बनावें और जब भी समय मिले उसे पढ़ते रहिए। इससे मन लक्ष्य के प्रति केंद्रित होगा। सुबह कुछ समय योग करें। योग मन को केंद्रित करने का एक सशक्त माध्यम है।
सवाल : सफलता का मूल मंत्र क्या है?
उत्कर्ष सिंह, कक्षा 10-न्यू इरम कांवेंट स्कूल, तमकुही।
एसडीएम : सफलता का कोई शार्टकट रास्ता नहीं है, इसके लिए मजबूत इच्छा शक्ति चाहिए। साथ ही कठोर परिश्रम भी जरूरी है। इन पर अमल कर हम सफलता हासिल कर सकते हैं।
इन्होंने भी पूछे सवाल
इसी क्रम में श्रेया चौरसिया, निधि यादव न्यू इरम कांवेंट स्कूल तमकुही, दिलशाद आलम नेशनल पब्लिक स्कूल तमकुही, कन्हैया यादव, अजय यादव, वर्षा जायसवाल, बिगा मेमोरियल गाजीपुर, अखंड सराफ पावानगर इंटर कालेज, भानू गुप्ता, प्रशांत त्रिपाठी, आदर्श कुमार, अनंत त्रिपाठी, प्रियांशु मिश्रा दी प्रेसिडेंट स्कूल दनियारी तरयासुजान द्वारा पूछे गए सवालों का एसडीएम ने जवाब दिया।
बाल संवाद कार्यक्रम को प्रधानाचार्यों ने सराहा
बिगा मेमोरियल इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य/प्रबंधक हरिहर यादव, न्यू इरम कांवेंट स्कूल तमकुहीराज के प्रबंधक सन्तोष सिंह, नेशनल पब्लिक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अजय चौरसिया, दयानंद सरस्वती शिशु मंदिर आजाद नगर तमकुहीरोड के प्रधानाचार्य सुदामा दूबे, दी प्रेसिडेंट स्कूल के कंट्रोलर अभिनव राय ने बाल संवाद कार्यक्रम की सराहना की।