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धड़ल्ले से हो रहा बालू खनन, जिम्मेदार मौन

कुशीनगर में ग्रामीणों के लगातार आवाज उठाने के बाद भी बालू का अवैध खनन नहीं रुक रहा है सड़कों पर बेखौफ दौड़ती बालू लदी गाड़ियां कभी भी देखी जा सकती हैं कार्रवाई न होने से धंधेबाजों का मनोबल बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 12:06 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 12:06 AM (IST)
धड़ल्ले से हो रहा बालू खनन, जिम्मेदार मौन
धड़ल्ले से हो रहा बालू खनन, जिम्मेदार मौन

कुशीनगर : कप्तानगंज तहसील क्षेत्र में छोटी गंडक के दर्जनों घाटों पर बालू का खनन बेखौफ हो रहा है। सड़कों पर दौड़ रहीं बालू लदी गाड़ियों को देख अधिकारी व पुलिसकर्मी मुंह फेर लेते हैं। कार्रवाई न होने से धंधेबाजों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि रात की बजाय अब दिन में बेखौफ खनन करा रहे हैं।

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कप्तानगंज तहसील के हसनगंज, कारी, मदरहवा, बभनौली, साहबगंज, सिधावट, कोटिया, सेमरा मलुकही, रगड़गंज, अकटहां समेत विभिन्न घाटों पर बगैर किसी रुकावट के बालू का खनन चल रहा है। नदी से बालू निकालने वाले श्रमिक बेखौफ दिखते हैं। धंधेबाजों से जुड़ा एक व्यक्ति किसान के रूप में घाट की पहरेदारी करता है। जैसे ही कोई अनजान व्यक्ति घाट पर जाता है तो उससे कड़ाई से पूछताछ की जाती है। हर घाट पर पांच से 10 ट्राली बालू हमेशा स्टोर रहता है। बालू लेकर जाते समय ट्रैक्टर-ट्राली व ट्रक की स्पीड काफी अधिक रहती है। कब कौन चपेट में आ जाए, कहा नहीं जा सकता। कप्तानगंज व आसपास के चौक चौराहे पर रात भर धंधेबाज मुस्तैद रहते हैं। किसी भी तरह का व्यवधान उत्पन्न होने पर वह अपने हिसाब से निपट लेते हैं। एसडीएम कल्पना जायसवाल ने कहा कि अभी उनकी नई पोस्टिग है, बालू खनन के बारे में जानकारी नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा, हर हाल में खनन पर रोक लगाई जाएगी और धंधेबाजों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पट्टाधारकों व विपक्षियों पर कार्रवाई का निर्देश

नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के सरपतही खुर्द व सरपतही बुजुर्ग दोनों गांव के बीच स्थित 38 एकड़ भूमि को लेकर पट्टाधारक व कब्जेदार आमने-सामने आ गए हैं। एसडीएम सदर ने दोनों पक्ष के लगभग दौ सौ लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।

पडरौना राजदरबार की लीलावती पत्नी सूर्यप्रताप नारायण सिंह की ओर से वर्ष 1995 में सरपतही बुजुर्ग गांव में स्थित करीब 56 एकड़ भूमि को सीलिग दर्ज करा दिया गया था। उस भूमि के 38 एकड़ हिस्से को प्रशासन की स्वीकृति के बाद 142 लोगों को पट्टा आवंटित कर दिया गया। इस भूमि पर पड़ोसी गांव सरपतही खुर्द के कुछ लोगों का कब्जा था। पट्टाधारक जब कब्जा के लिए प्रयास करने लगे तो विपक्षियों ने न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर दिया। आठ नवंबर को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में सरपतही खुर्द के लोगों का मुकदमा खारिज कर दिया। उसकी नकल लेने के बाद सोमवार को 142 पट्टाधारक एक साथ कब्जा करने पहुंचे। जानकारी होने पर दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंच गए। उसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को समझाया और कागजात देख वापस लौट गई। थानाध्यक्ष गिरिजेश उपाध्याय ने कहा कि मामला राजस्व विभाग से जुड़ा है। एसडीएम सदर महात्मा सिंह ने कहा कि मामले की जानकारी एसओ व सीओ ने दी है। गोलबंद होकर भूमि पर कब्जा करना अपराध है। अगर पट्टा हुआ है तो प्रशासन निर्णय लेगा। दोनों पक्ष के लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसओ को निर्देशित किया गया है।


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