रूट न पार्किंग, सड़कों पर धड़ल्ले से भर रहे फर्राटा
कुशीनगर : वर्ष 2015 में जब ई-रिक्शा नगर में चलना शुरू हुए, तो लोगों को लगा था कि अब नगर, तहसील, जिला मुख्यालय व जिला अस्पताल जाने में सुविधा होगी। किराया भी कम लगेगा और समय भी बचेगा, लेकिन धीरे-धीरे यह सुविधा मुसीबत में बदल गई। ई-रिक्शा वाले मनमानी पर उतर आए हैं। हर सड़क, गली, मोहल्ले में यह जाम के कारण बन गए हैं। हाल यह है कि बिना रूट व पार्किंग के ही ये धड़ल्ले से सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। यही नहीं क्षमता से अधिक सवारी भी बैठा रहे हैं।
शहर में सात साल पहले इनकी संख्या पांच और 10 के बीच थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर हजार के पार हो गई है। जनपद में लगभग चार हजार के आसपास ई-रिक्शा का संचालन हो रहा। हालांकि विभाग के आंकड़ों में यह संख्या सिर्फ 1011 है। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का हाल यह है कि नगर के कठकुइयां तिराहा, सुभाष व तिलक चौक, बावली चौक पर इनका कब्जा रहता है। कभी-कभी तो इनके बीच से कोई निकल ही नहीं पाता। कई बार एंबुलेंस भी इनके बीच फंसी दिखती है। यह हर दिन यातायात नियमों को तोड़ फर्राटा भरते हैं।
नहीं होता गति सीमा का पालन
ई-रिक्शा की रफ्तार अधिकतम 25 किमी प्रति घंटा तय है। पर इसका पालन चालक नहीं करते हैं। अक्सर निर्धारित से अधिक गति पर चालकों द्वारा ई-रिक्शा दौड़ाते सहज देखा जा सकता है।
क्षमता से अधिक ढो रहे सवारी
ई-रिक्शा चालक निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी भी बैठा रहे हैं। परिवहन नियमों के अनुसार ई-रिक्शा पर अधिकतम चार यात्रियों के बैठाने की अनुमति है, पर ई-रिक्शा पर बैठे छह से आठ यात्रियों को आसानी से देखा जा सकता है।
कम उम्र के बच्चे भी दौड़ा रहे ई-रिक्शा
नगर समेत जिले के प्रमुख कस्बों व बाजार में कम उम्र के बच्चे भी ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं। अक्सर ऐसे ई-रिक्शा चालक दुर्घटना का कारण बनते हैं। कम उम्र के बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने को लेकर न तो परिवहन विभाग गंभीर नजर आ रहा और न ही पुलिस।
बिना लाइसेंस भर रहे फर्राटा
-ई-रिक्शा दौड़ा रहे चालकों के पास लाइसेंस नहीं है। बिना लाइसेंस ही ये ई-रिक्शा सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ा रहे हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि पंजीकृत 1011 ई-रिक्शा चालकों में आधे से अधिक के पास लाइसेंस है।
रूट का निर्धारण नहीं
नियमानुसार ई-रिक्शा के रूट तय किए जाते हैं लेकिन नगर सहित कसया, कुशीनगर या अन्य बाजार व कस्बों में इनके लिए कोई रूट नहीं तय किया गया है। चालकों की मनमानी का हाल यह है कि सहायक मार्गों पर चलने के लिए परमिट जारी करा ई-रिक्शा चालक नगर, बाजार के मुख्य मार्गों के अलावा हाईवे पर भी आसानी से फर्राटा भरते नजर आते हैं।
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-अभियान चलाकर ई-रिक्शों का पंजीकरण कराया गया है। शुरू में तो यह परमिट ही नहीं लेते थे। इस पर परिवहन विभाग ने सख्ती की तो अधिकांश में नंबर प्लेट लगी। बिना लाइसेंस ई-रिक्शा चलाने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई होगी।
-मोहम्मद, अजीम, एआरटीओ