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कुशीनगर के रामकोला चीनी मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ आज

जागरण संवाददाता पडरौना कुशीनगर गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है। रामकोला चीनी मिल सोम

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 11:42 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 11:45 PM (IST)
कुशीनगर के रामकोला चीनी मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ आज
कुशीनगर के रामकोला चीनी मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ आज

जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है। रामकोला चीनी मिल सोमवार को पेराई सत्र का शुभारंभ करने वाली पहली चीनी मिल होगी। प्रशासनिक अधिकारी डोंगी में गन्ना डाल पेराई की शुरुआत करेंगे। वित्तीय वर्ष 2020-21 में गन्ने की पेराई के लिए बाकी चार चीनी मिलों के प्रबंधन ने भी तिथि प्रस्तावित कर दी है। ढाढ़ा 20 को, खड्डा 21, कप्तानगंज 23 व सेवरही 28 को चालू होगी। अधिकतर मिलों में कल-पुर्जों की साफ-सफाई पूरी हो गई है। दो की अंतिमदौर में चल रही है। इससे किसान व मिल कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। मिल चालू होने के बाद नहीं होगा संशोधन

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पेराई शुरू होने के पूर्व ऐसे किसान संबंधित समितियों पर अपना घोषणा पत्र जमा कर दें। मिल चालू होने के बाद न संशोधन होगा और न ही मिलें गन्ने की आपूर्ति लेंगी।

जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह रामकोला चीनी मिल सोमवार को चालू हो जाएगी। अवशेष चार चीनी मिलों के प्रबंधन में सेवरही, ढाढ़ा, कप्तानगंज व खड्डा ने भी प्रस्तावित तिथि दे दी है। दिवाली के बाद सभी चीनी मिलें पेराई सत्र की शुरू कर देंगी। पराली न जलाने के लिए किसानों को किया गया जागरूक

जागरण संवाददाता, पनियहवा, कुशीनगर: खड्डा विकास खंड के गांव दरगौली के बेलवनिया टोला में कृषि विभाग द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक किया और इसे न जलाने को कहा। एडीओ एजी संतोष यादव ने कहा कि पराली जलाने से खेत की मिट्टी प्रभावित होती है। मित्र कीट मर जाते हैं, जिसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है, इसलिए इसे कदापि न जलाएं। किसान सहायक रोशन लाल, अशोक पटेल, विनोद गुप्ता, शंभु, उमेश प्रसाद, जयप्रकाश तिवारी, शिब्बन चौहान आदि मौजूद रहे। यहां नहीं रुक रही मनमानी

गोबरहीं: रोक के बाद भी कसया थाना क्षेत्र में पराली जलाने पर रोक नहीं लग पा रही है। क्षेत्र के गांव महुंई बुजुर्ग, भठहीं, पतई, नकहनी, परसौना, अहिरौली, चिरगोड़ा, भैंसही, बकनहां, परेवाटार आदि गांवों में किसान धड़ल्ले से पराली जला रहे हैं। निर्देश है कि लेखपाल-कानूनगो हर रोज क्षेत्र भ्रमण कर निगरानी करेंगे, पर ऐसा नहीं हो रहा है।


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