पूंजीपतियों के मन की बात सुनती है भाजपा: राधेश्याम
वर्ष 1992 के गन्ना आंदोलन में पुलिस फायरिग में शहीद हुए दोनों किसानों की याद में समाजवादी पार्टी की ओर से हर साल पंजाब चीनी मिल परिसर में 10 सितंबर को शहीद किसान मेला का आयोजन किया जाता है।?????? ????? ?? ?????? ????? ?? ??????????? ???? ?? ??? ??? ?????? ?? ??? ??? ?? ??????? ???? ??? ????? ????? ??????????? ????????? ???? ?? ??? ?? ????? ????? ??????? ?? ???? ??????????? ?? ?? ?? ??? ????? ??? ???? 1992 ??? ?? ?????? ??? ????? ?? ????? ??? ????? ????? ????? ?????? ?? ??? ???? ??? ?????? ????? ?????? ?? ??? ???
कुशीनगर: वर्ष 1992 के गन्ना आंदोलन में पुलिस फायरिग में शहीद हुए दोनों किसानों की याद में समाजवादी पार्टी की ओर से हर साल पंजाब चीनी मिल परिसर में 10 सितंबर को शहीद किसान मेला का आयोजन किया जाता है। मंगलवार को किसान पड़ोही हरिजन और जमादार मियां को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा आयोजित की गई। सभा को संबोधित करते हुए आयोजक पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की नहीं, पूंजीपतियों की मन की बात सुनती है। वर्ष 1992 में भी प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए मेरे साथ हजारों किसान आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन को दबाने के लिए सत्ता पक्ष के इशारे पर पुलिस ने गोलियां चलाई। जिससे पड़ोही व जमादार शहीद हो गए। उनकी याद में हर साल शहीद किसान दिवस मनाया जाता है। कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किसान खुशहाल रहते हैं। भाजपा जब भी सत्ता में आती है, किसानों का शोषण होता है। सरकार उद्योग पतियों को एडवांस में पैसा देती है, किसानों का गन्ना उधार खरीदा जाता है। विधान परिषद सदस्य रामअवध यादव ने कहा कि सपा सरकार में जो विकास कार्य हुए थे, उस पर भाजपा नेता अपने नाम का पत्थर लगवा झूठी वाहवाही बटोर रहे हैं। प्रदेश सरकार किसान विरोधी है। पूर्व विधायक पूर्णमासी देहाती, शंभू चौधरी, एनपी कुशवाहा आदि ने भी संबोधित किया। सभा के पूर्व चीनी मिल गेट पर बने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी ने की व संचालन अवधेश यादव ने किया। जिलाजीत यादव, देवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व प्रमुख विक्रमा यादव, जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व पार्षद दिग्विजय सिंह, काशीनरेश सिंह, सुग्रीव प्रसाद, घनश्याम यादव, नन्हें खां, बाबूलाल, जुल्फिकार, रमेश यादव, दिलशाद आलम, चंद्रप्रकाश यादव, जंत्री यादव आदि मौजूद रहे।