अपनों से अनबन व भूमि विवाद पर टिकी पुलिस की जांच
सेवानिवृत्त दारोगा श्यामसुदंर प्रसाद और पत्नी के रूप में रह रही नौकरानी सरोज व उसके बाों को जिदा जलाने वालों की तलाश में लगी पुलिस तीन दिन बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। उधर मेडिकल कॉलेज में दारोगा के दर्ज हुए बयान के बाद इस बात की उम्मीद लगाई जाने लगी थी कि पुलिस जल्द ही इस पूरे घटनाक्रम से परदा हटा देगी।
कुशीनगर: सेवानिवृत्त दारोगा श्यामसुदंर प्रसाद और पत्नी के रूप में रह रही नौकरानी सरोज व उसके बच्चों को जिदा जलाने वालों की तलाश में लगी पुलिस तीन दिन बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। उधर मेडिकल कॉलेज में दारोगा के दर्ज हुए बयान के बाद इस बात की उम्मीद लगाई जाने लगी थी कि पुलिस जल्द ही इस पूरे घटनाक्रम से परदा हटा देगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में दारोगा का अपनों से अनबन व पट्टीदार से भूमि विवाद की बात सामने आई है। पुलिस इन दोनों विदुओं को ध्यान में रख कर जांच कर रही है। बुधवार को पुलिस ने दारोगा की पहली पत्नी के बच्चों का बयान भी दर्ज किया। तरयासुजान थाने के गांव जवहीं नरेंद्र के दलित बस्ती निवासी श्यामसुंदर प्रसाद (62) रविवार की रात अपने कटरैन की मकान में सरोज (53) तथा उसके बच्चों अविनाश (15) व परी उर्फ राधिका (5) संग सो रहे थे। आधी रात को घर में घुसे बदमाशों ने ज्वलनशील पदार्थ फेंक कर कमरे में आग लगा दी, जिससे चपेट में आकर दारोगा सहित सभी चारों बुरी तरह झुलस गए। इलाज के दौरान परी उर्फ राधिका की मौत हो गई। वहीं दारोगा, नौकरानी व बच्चे का इलाज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। दारोगा व नौकरानी की हालत में सुधार है जबकि अविनाश की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। एएसपी एपी सिंह ने कहा कि पुलिस की जांच सकारात्मक दिशा में चल रही है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।
शर्ट की पुलिस कर रही तहकीकात
-पुलिस को घटनास्थल से एक शर्ट मिला था। शर्ट के ज्वलनशील पदार्थ से भीगे होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने शर्ट को कब्जे में ले लिया था। बुधवार को जांच के दौरान पता चला कि शर्ट दारोगा का नहीं है। जबकि पुलिस यह मान रही थी कि शर्ट दारोगा का होगा।