पचार गांव का पोखरा बेजुबानों का सहारा
कुशीनगर के कप्तानगंज ब्लाक का पचार गांव के पोखरे में पशु-पक्षी बुझाते हैं प्यास मछली पालन से रोजगार मिलता है साथ ही गांव की जलनिकासी व्यवस्था में पोखरे की अहम भूमिका है।
कुशीनगर : विकास खंड कप्तानगंज के पचार गांव का पोखरा प्रचंड गर्मी में बेजुबानों को सहारा दे रहा है। क्षेत्र के पशु-पक्षी व जंगली जानवर यहां प्यास बुझाते हैं। करीब एक एकड़ क्षेत्रफल वाले इस पोखरे में बारिश का पानी संरक्षित होता है। गांव के पशुपालक पोखरे में अपने पशुओं को नहलाते हैं और उन्हें पानी पिलाते हैं।
निवर्तमान प्रधान के पति विजय बहादुर सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से पोखरे की सफाई कराकर गहरा कराया गया है। इसमें मछली पालन कर लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाता है। गांव की नाली का पानी भी इसी पोखरे में गिरता है। बरसात के मौसम में पोखरा पूरी तरह पानी से भर जाता है। इससे आसपास का भू-गर्भ जल स्तर नीचे नहीं गिरने पाता है। हर गांव में छोटे-बड़े पोखरे हैं। जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए पोखरों की खोदाई पर जोर दिया जा रहा है। अगर जिले के सभी गांवों के पोखरों की खोदाई करा दी जाए तो बारिश का पानी बर्बाद नहीं होगा। ताल-पोखरों में पानी भरा रहेगा तो पशु-पक्षियों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कम उपजाऊ भूमि पर पोखरा खोदवाकर किसान मछली पालन कर सकते हैं और किनारे पौधारोपण कर पर्यावरण को भी संरक्षित कर सकते हैं।
भटकी बच्ची को पुलिस ने स्वजन को सौंपा
पडरौना नगर के कठकुइयां मोड़ पर शुक्रवार दोपहर को दो वर्षीय बच्ची को रोते देख लोगों ने सुभाष चौक स्थित पुलिस बूथ पर सूचना दी। उपनिरीक्षक आशुतोष जायसवाल महिला कांस्टेबल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्ची को संरक्षण में ले लिया। नाम, पता बताने में असमर्थ बच्ची की पहचान के लिए प्रयास किया। बच्ची की पहचान नगर के वाड़ी टोला निवासी राजू साहा के पुत्री के रूप में हुई। पुलिस ने राजू को सूचना देकर कोतवाली बुलाया और बच्ची को सौंप दिया।