कटान से दहशत, सुरक्षित ठौर की तलाश में ग्रामीण
पिछले 24 घंटे में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोत्तरी हुई है। रविवार को यह 2.3 क्यूसेक था जो सोमवार को बढ़कर 2.73 क्यूसेक हो गया। इससे नारायणी नदी का दबाव एपी अमवाखास व छितौनी बांध के जर्जर स्थानों पर एक साथ बढ़ गया है। कटान भी शुरू हो गई है। भयभीत सीमावर्ती गांवों के लोग सुरक्षित ठौर तलाशने में लगे हैं।
कुशीनगर: पिछले 24 घंटे में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोत्तरी हुई है। रविवार को यह 2.3 क्यूसेक था, जो सोमवार को बढ़कर 2.73 क्यूसेक हो गया। इससे नारायणी नदी का दबाव एपी, अमवाखास व छितौनी बांध के जर्जर स्थानों पर एक साथ बढ़ गया है। कटान भी शुरू हो गई है। भयभीत सीमावर्ती गांवों के लोग सुरक्षित ठौर तलाशने में लगे हैं।
नारायणी अमवाखास बांध के किमी 8.600 से किमी 8.800 पर बने स्पर को अपने आगोश में लेने को आतुर है। किमी जीरो बरवापट्टी से लेकर किमी 900 लक्ष्मीपुर तक भी नदी दबाव का बना हुआ है। भैंसहा गेज पर नदी का जलस्तर चेतावनी बिदु से 95 मीटर से बढ़कर 95.55 मीटर तक पहुंच गया है। छितौनी बांध के स्पर सी के अपस्ट्रीम पर नदी का लगातार दबाव होने से बोल्डर धंस गए हैं। खतरा बना हुआ है। नदी उस पार के गांव शिवपुर, बसंतपुर, शाहपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर, सालिकपुर, महदेवा, मरिचहवा के लोग भयभीत हैं। सालिकपुर व महदेवा को छोड़ सभी गांव सड़क मार्ग से कट चुके हैं। घर पहुंचने के लिए लोग नाव का सहारा ले रहे हैं। एसडीओ राजेंद्र पासवान ने बताया कि छितौनी बांध के स्पर सी के क्षति की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
तेजी से चल रहा मरम्मत कार्य
अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड भरत राम ने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर तेजी से कार्य कराए जा रहे हैं। फिलहाल कहीं भी बांध को खतरा नहीं है।