कुशीनगर में सूख गए एक करोड़ के पौधे
कुशीनगर में बीते वर्ष पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 26 लाख से अधिक पौधे रोपे गए थे। वन विभाग ने अन्य विभागों की मदद से निर्धारित लक्ष्य की पूíत तो कर ली पर लापरवाही के चलते सभी पौधे नहीं पनप सके। नतीजा यह हुआ कि लगभग तीस फीसद यानि एक करोड़ रुपये मूल्य के पौधे सूख गए।
कुशीनगर: कुशीनगर में बीते वर्ष पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 26 लाख से अधिक पौधे रोपे गए थे। वन विभाग ने अन्य विभागों की मदद से निर्धारित लक्ष्य की पूíत तो कर ली, पर लापरवाही के चलते सभी पौधे नहीं पनप सके। नतीजा यह हुआ कि लगभग तीस फीसद यानि एक करोड़ रुपये मूल्य के पौधे सूख गए।
वर्ष 2019 में जिले में पौधरोपण का लक्ष्य 26 लाख 47 हजार निर्धारित था। लक्ष्य की पूíत के लिए वन विभाग ने नौ लाख 40 हजार तो 25 अन्य विभागों ने 17 लाख सात हजार पौधे लगाए। कुल 5263 हेक्टेयर भूमि कवर हुई। वन विभाग का दावा है कि विभाग द्वारा रोपे गए अधिकांश पौधे पनपे लेकिन अन्य विभाग पौधे लगाने के बाद अपनी जिम्मेदारी भूल गए। यही वजह रही कि उनके द्वारा रोपे गए पौधों में तीस फीसद 7 लाख 94 हजार 100 पौधे उचित देख-रेख तथा पशु व नागरिकों द्वारा तोड़ देने के कारण सूख गए। इन पौधों पर लगभग एक करोड़ 19 लाख 11 हजार से अधिक रुपये खर्च हुए थे। बचे पौधों में 70 फीसद पौधे बेहतर हालत में हैं, वहीं 30 फीसद पौधों का समुचित विकास नहीं हो सका है।
रोपे गए थे फलदार व छायादार पौधे
शासन के निर्देश पर अभियान चलाकर वन व अन्य विभागों द्वारा फलदार व छायादार पौधे रोपे गए थे। इसमें आम, जामुन, इमली, सहजन, अर्जुन, कदंब, सागौन आदि के पौधे प्रमुख थे।
एक पौधे पर आती है 15 रुपये लागत
एक पौधे की लागत 15 रुपये आती है। वन विभाग के अनुसार सात रुपये पौधे की लागत आती है, जबकि गोबर, खाद, श्रम मिट्टी में आठ रुपये खर्च होते हैं। इस तरह एक पौधे पर आने वाला कुल खर्च 15 रुपये का पड़ता है।
2904 वर्ग किमी है जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल
जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2904 वर्ग किलोमीटर है, बीते वर्ष 5263 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया गया था।
बीते वर्ष रोपे गए पौधों में वन विभाग के लगभग सभी पौधे पनपे। अन्य विभाग पौधे लगाकर अपना दायित्व भूल गए। यही कारण रहा कि रोपे गए कुल पौधों का लगभग तीस फीसद पौधा सूख गया।
बीसी ब्रह्मा, जिला प्रभागीय वनाधिकारी