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अब कारोबारी नहीं मंगा रहे चीनी सामान

चाइनीज वस्तुएं अब ढूढें नहीं मिलेंगी। व्यापारियों ने भी देशभक्ति का परिचय देते हुए चीनी निर्मित वस्तुओं को बाय-बाय करना शुरू कर दिया है। न नए आर्डर लिए जा रहे हैं न हीं एजेंटों के आने वाले फोन कॉल को रिसीव ही किए जा रहे हैं। व्यापारियों ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को लेकर संकल्प लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 10:19 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 10:19 PM (IST)
अब कारोबारी नहीं मंगा रहे चीनी सामान
अब कारोबारी नहीं मंगा रहे चीनी सामान

कुशीनगर: चाइनीज वस्तुएं अब ढूढें नहीं मिलेंगी। व्यापारियों ने भी देशभक्ति का परिचय देते हुए चीनी निर्मित वस्तुओं को बाय-बाय करना शुरू कर दिया है। न नए आर्डर लिए जा रहे हैं न हीं एजेंटों के आने वाले फोन कॉल को रिसीव ही किए जा रहे हैं। व्यापारियों ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को लेकर संकल्प लिया है। ग्राहकों को भी भारतीय उत्पादों की महत्ता को समझा कर उनके प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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नगर में घड़ी, झालर, लाइट के विक्रेता शरमा ने कहा चाइनीज सामान टिकाऊपन नहीं है। हां कीमत में कम व देखने में आकर्षक होने से इसकी मांग होती रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के चीनी वस्तुओं पर प्रतिबंध का हम सभी स्वागत करते हैं। उनके आह्वान पर हम व्यापारियों ने भी चाइनीज वस्तुओं की न सिर्फ बिक्री रोक दी है बल्कि उनका बहिष्कार करना भी शुरू कर दिया है। मुरारी ने कहा चाइनीज वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लग जाने से न सिर्फ चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था और सु²ढ़ होगी। हसीब ने कहा न सिर्फ व्यापारियों बल्कि उपभोक्ताओं को भी देश भक्ति का भाव रखते हुए चाइनीज वस्तुओं का वायकाट करना होगा। कहते हैं दिल्ली से सामान की आपूर्ति होती रही है। एजेंटों के फोन बीते माह आए थे। माल ले पाने से उन्हें साफ मना कर दिया गया है। अब फोन नहीं आता है। कहा कि भारत में भी उन सभी वस्तुओं का निर्माण होता है। हां थोड़ी लागत बढ़ जाती है। सुनील कुमार कहते हैं चीन की अर्थव्यवस्था भारतीय बाजार से सु²ढ़ हुई, लेकिन भारतीयों को भी अपने-अपने हिस्से का योगदान देकर

चीनी वस्तुओं का बायकाट करना होगा। अभिषेक श्रीवास्तव कहते हैं चाइनीज स्टेशनरी की खपत अच्छी खासी होती थी, लेकिन लद्दाख में घटी घटना के बाद चीन निर्मित सामान नहीं मंगाना है।


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