NEET UP Results 2020: उम्मीदों पर खरी उतरीं कुशीनगर की आकांक्षा सिंह, पहले ही प्रयास में शत-प्रतिशत नम्बर
NEET UP Results 2020 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में कुशीनगर की आकांक्षा सिंह ने देश भर में परचम लहराया है। शीर्ष स्थान हासिल करने वाले उड़ीसा के शोएब आलम से उम्र में कम होने के कारण आकांक्षा को दूसरा स्थान मिला।
कुशीनगर, जेएनएन। निवास स्थान से पढ़ाई करने रोज करीब 70 किलोमीटर की दौड़ रंग लाई और कुशीनगर की आकांक्षा सिंह ने पहले ही प्रयास में नीट में दूसरा स्थान प्राप्त किया। आकांक्षा सिंह के शत प्रतिशत यानी 720 में से 720 अंक हैं, लेकिन आल इंडिया रैंकिंग में उड़ीसा के शोएब आलम से उम्र में कम होने के कारण (टाई ब्रेकर नीति) आकांक्षा को दूसरा स्थान मिला है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में कुशीनगर की आकांक्षा सिंह ने देश भर में परचम लहराया है। उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया है। ऑल इंडिया रैंक में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले उड़ीसा के शोएब आलम से उम्र में कम होने के कारण (टाई ब्रेकर नीति) आकांक्षा को दूसरा स्थान मिला है। दोनों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। इस नतीजे के साथ आकांक्षा ने इतिहास रच दिया है। पूर्वांचल की वह पहली लड़की हैं जिसने देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए इस प्रसिद्ध परीक्षा में इतना अच्छा परिणाम प्राप्त किया है।
न्यूरो सर्जन बनना चाहती हैं आकांक्षा
आकांक्षा न्यूरो सर्जन बनना चाहती है। उनका कहना है कि पढऩे वाले बच्चों को सपने को ऊंचा रखना चाहिए। किसी भी प्रकार का दिखावा नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह उपलब्धि पहले प्रयास में ही हासिल की है।
हाईस्कूल के बाद दिल्ली में कोचिंग
आकांक्षा ने हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद दिल्ली का रुख कर लिया। दिल्ली में इंटर की पढ़ाई के साथ कोचिंग की। आकांक्षा का सपना डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करने का है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत के साथ मेहनत, उनके माता-पिता और शिक्षकों को दिया जिन्होंने पहले नौवीं और दसवीं कक्षा में गोरखपुर में और फिर ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में दिल्ली में मार्गदर्शन किया।
असफलता से न घबराएं
आकांक्षा सिंह ने कहा कि जो लोग नीट की तैयारी कर रहे हैं वे असफलता से घबराएं नहीं बल्कि अपना लक्ष्य ऊंचा रखें। लक्ष्य के अनुसार तैयारी करें। सफलता जरूरत मिलेगी।
मां शिक्षिका, पिता वायुसेना से ले चुके हैं वीआरएस
कुशीनगर में कसया के अभिनायकपुर गांव की रहने वाली आकांक्षा सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई कुशीनगर में हुई है। इसके बाद हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वह गोरखपुर आई। आकांक्षा का लक्ष्य शुरू से ही डॉक्टर बनने का था। उसने इस परिणाम को सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ते हुए हासिल किया है। हाईस्कूल में पढऩे के दौरान ही अकांक्षा ने गोरखपुर में कोचिंग ज्वाइन कर लिया। उसने कोचिंग सेंटर तक रोजाना 70 किलोमीटर की यात्रा की। रोजाना आने-जाने के दौरान मां उन्हेंं कुशीनगर के बस स्टॉप तक लेकर जाती थी। गोरखपुर से वापस आते समय कोचिंग के अधिकारी उसे हर बार बस स्टैंड तक छोड़कर आते। उसके पिता राजेंद्र कुमार राव ने भारतीय वायुसेना से वीआरएस लिया है। आकांक्षा सिंह के पिता राजेंद्र कुमार राव एयरफोर्स में कर्मचारी थे। उन्होंने बेटी की तैयारी कराने के लिए 2017 में एयरफोर्स से बीआरएस ले लिया था। आकांक्षा की मां रुचि सिंह मैथ से बीएससी हैं। पांच वर्ष बाद फिर उन्होंने मैथ से एमएससी किया। उनकी मां रुचि सिंह गांव में ही प्राथमिक स्कूल शिक्षक हैं। उनका भाई अमृतांश चौथी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है।