नारायणी उफनाई, आधा दर्जन गांवों में घुसा पानी
नेपाल की पहाड़ियों में लगातार हो रही बारिश और वाल्मिकीनगर बैराज से रोजाना डिस्चार्ज बढ़ाए जाने से नारायणी उफना गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे बांध से सटे व आसपास के गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। अब लोगों ने सुरक्षित ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है।
कुशीनगर: नेपाल की पहाड़ियों में लगातार हो रही बारिश और वाल्मिकीनगर बैराज से रोजाना डिस्चार्ज बढ़ाए जाने से नारायणी उफना गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे बांध से सटे व आसपास के गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। अब लोगों ने सुरक्षित ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है।
वाल्मिकीनगर बैराज से शुक्रवार की रात दो लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शिवपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर, बसंतपुर, मरिचहवा समेत आधा दर्जन गांवों में तबाही आ गई है। गांवों में पानी घुसने से कई लोगों के घर डूब गए हैं। हालांकि डिस्चार्ज बढ़ाए जाने की पूर्व सूचना से ग्रामीण अलर्ट रहे और सामान को सुरक्षित कर घर छोड़ चुके थे। इसलिए जनधन की क्षति नहीं होने पाई है। भैंसहा गेज पर नदी का जलस्तर चेतावनी बिदु से 67 सेमी ऊपर दर्ज किया गया। एसडीएम ने गांवों में राजस्व टीम की तैनाती कर दी है।
गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की सूचना पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने एसडीएम कोमल यादव के साथ जायजा लेकर बचाव कार्य की स्थिति जानी। दियारा इलाके में जाने के लिए कोई मार्ग न होने से विधायक और एसडीएम को बिहार प्रांत के नौरंगिया से होकर महराजगंज जिले के सोहगीबरवा होकर जाना पड़ा। वहां के गांवों में चार से पांच फिट पानी भरा हुआ है। विधायक ने एसडीएम से बाढ़पीड़ितों को हर संभव मदद करने को कहा। कहा कि बचाव व राहत कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीओ राजेंद्र पासवान ने कहा कि बांध व ठोकर पर नदी का दबाव है, निगरानी की जा रही है। तहसीलदार एसके राय व नायब तहसीलदार रवि यादव राजस्व टीम के साथ ग्रामीणों को राशन व अन्य सामग्री देने में जुटे रहे।
एपी बांध पर बढ़ा नारायणी का दबाव
सेवरही: नारायणी के डिस्चार्ज में वृद्धि होने से एपी बांध के कई जगहों पर नदी का दबाव बढ़ गया है। नदी के रुख में अचानक परिवर्तित रुख से ग्रामीणों के होश उड़ गए हैं। पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर 75.65 मीटर पर पहुंच गया है। नदी खतरे के निशान 76.20 से मात्र 55 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। बांध के किमी 0.800 जंगली पट्टी के सामने, किमी 1300.00 बाघाचौर व किमी 1400.00 अहिरौलीदान में स्थिति संवेदनशील हो गई है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।