अधूरी राह पर प्यास की तड़पती आस
गरीबी व बदहाली के दंश से जूझती बस्ती। जलजनित जानलेवा बीमारियों की दहशत का साया। इन सबके बीच अधूरी राह पर खड़ी प्यास की तड़पती आस। मंजर कितना भयावह होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के मुसहर बाहुल्य गांव कुड़वा दिलीप नगर की।
मुसहर बाहुल्य गांव कुड़वा उर्फ दिलीप नगर का हाल
-लापरवाही
कुशीनगर: गरीबी व बदहाली के दंश से जूझती बस्ती। जलजनित जानलेवा बीमारियों की दहशत का साया। इन सबके बीच अधूरी राह पर खड़ी प्यास की तड़पती आस। मंजर कितना भयावह होगा, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के मुसहर बाहुल्य गांव कुड़वा दिलीप नगर की।
जलजनित रोगों के कहर से बचाने व मुसहरों की प्यास बुझाने को गांव में दो ओवरहेड टैंक, ट्यूबवेल और पाइप लाइन बिछाई गई। 2014 में हुए कार्य की कुल लागत 343.96 लाख थी। 45.06 किलो मीटर पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन आधी दूरी तक ही बिछाई गई है। इसी अधूरी राह पर पानी की प्यास, पांच वर्षो से तड़प रही है। ग्रामीणों ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक टोलों में पाइप नहीं बिछाई गई। अधूरा कार्य 31 मार्च 2014 को ग्राम सभा को हस्तानांतरित कर दिया गया। विरोध भी किया गया था, पर उसे दबा दिया गया।
प्यास बुझाने को ही मुसहरों ने पूर्व में गांव मैनपुर एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भी सौंपा था।
इनकी सुनिए
अधिशासी अभियंता ने कहा कि मामला चार वर्ष पूर्व का है। परियोजना पूर्ण होने पर ही हस्तानांतरित हुई होगी। इसको चलाने की जिम्मेदारी ग्राम सभा की है। विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच करा, दोषियों की खिलाफ कार्रवाई होगी।
कोट
मामला संज्ञान में है, दिखवा रहा हूं। शासन की प्राथमिकता वाले कार्यों में लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
अभिषेक पांडेय, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, कसया