धूप व बंद कमरे में बनी गैस के चलते हुआ था विस्फोट
मस्जिद में हुए विस्फोट की वजह धूप व बंद कमरे में बनी गैस को बताया गया है। यह बात बम निरोधक दस्ते की रिपोर्ट में सामने आई है। दस्ते ने इस बात पर बल दिया है कि जिस कमरे में बारूद था। वहां दिन में सूरज की सीधी रोशनी पड़ती है।
कुशीनगर : मस्जिद में हुए विस्फोट की वजह धूप व बंद कमरे में बनी गैस को बताया गया है। यह बात बम निरोधक दस्ते की रिपोर्ट में सामने आई है। दस्ते ने इस बात पर बल दिया है कि जिस कमरे में बारूद था। वहां दिन में सूरज की सीधी रोशनी पड़ती है।
दूसरी ओर वह कमरा अक्सर बंद रहता था। बंद कमरे में सूरज की रोशनी पड़ने से बनी गैस के चलते ही यह विस्फोट हुआ है। उस कमरे में दूसरी कोई ऐसी वस्तु या ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला, जिससे विस्फोट हो सके। एसपी विनोद कुमार मिश्र ने भी इसकी पुष्टि की है। बारूद की बोरी छत की कुंडी में लटकी हुई थी। हाजी ने दी थी काली मंदिर को उड़ाने की धमकी
मस्जिद में विस्फोट मामले में मुख्य आरोपित कुतुबुद्दीन ने करीब एक साल पहले उसने गांव स्थित प्राचीन काली मंदिर को उड़ाने तक की धमकी दे दी थी। दरअसल, मस्जिद के ठीक सामने प्राचीन काली मंदिर है। कुतुबुद्दीन उस मंदिर को हटाकर कहीं अन्यत्र बनाने का दवाब बना रहा था। एक साल पहले गांव के लोग जब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके इस मंदिर की मरम्मत करा रहे थे तो उसने इसका विरोध करते हुए कहा था कि अगर मंदिर को कहीं और नहीं ले गए तो वह उसे उड़ा देगा।
हाजी का विवादों से है पुराना नाता
देवपोखर : हाजी कुतुबुद्दीन की गांव में दबंगई की चर्चा है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में हाजी के पास कुशीनगर, मऊ व गोरखपुर में काफी संपत्ति होने की बात सामने आ रही है। गांव में वह एक आलीशान मकान भी बनवा रहा है। ऐसे में विदेशी फंडिग की भी बात उठ रही है। उसकी वजह से गांव में पूर्व में हुए विवादों से निपटने में पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। विस्फोट की घटना ने फिर एक बार इस गांव का नाम चर्चा में ला दिया है। जून 2011 को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए रखी गयी मूíतयों में लक्ष्मी और हनुमान की मूíत को क्षतिग्रस्त कर देने से गांव में दोनों संप्रदाय आमने-सामने आ गए थे। अगस्त 2014 को एक लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में भी स्थिति संवेदनशील हो गई थी। छठ में भी स्थिति गंभीर हुई तो अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा। हर छोटी बड़ी घटना में हाजी का नाम सामने आया। गांव आने पर नियमित रूप से कराता था तकरीर
फाजिलनगर। हाजी कुतुबुद्दीन का आजमगढ़ व मऊ से करीबी रिश्ता रहा है। नौकरी के दौरान कुतुबुद्दीन का सर्वाधिक समय मऊ में बीता, यही कारण रहा कि वहां बसने के उद्देश्य से उसने मकान भी बनवा लिया। गांव आने पर वह नियमित रूप से धाíमक आयोजन कराता, तकरीर करता और अपने पसंद के धर्मगुरुओं को बुलाता। धाíमक आयोजनों में आने वाले धर्म गुरु आजमगढ़ व मऊ के ही होते थे। गांव के लोगों के अनुसार अभी एक माह पहले ही गांव में उसने बड़ा धाíमक आयोजन किया था। आयोजन के अगले दिन ही गांव के दूसरे वर्ग के लोगों ने आपत्ति जताई थी। आरोप लगाया था कि आयोजन की आड़ में समाज को बांटने की कोशिश की जा रही। हालांकि मामला गांव स्तर तक ही रहा।
यह हुए हैं नामजद
-मौलाना अजीमुद्दीन उर्फ अजीम निवासी डुबकुल दक्षिण शाहपुर थाना गोलपोखर, जिला उत्तरी दिनाजपुर पश्चिम बंगाल।
-हाजी कुतुबुद्दीन
-अशफाक आलम
-इजहार अंसारी
-आशिक अंसारी
-जावेद अंसारी
-मुन्ना उर्फ सलाउद्दीन अंसारी
सभी गांव बैरागीपट्टी निवासी।