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दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशेष जज पाक्सो एक्ट लक्ष्मीकांत शुक्ल की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के मामले में आरोपित को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 06:22 AM (IST)
दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा
दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

कुशीनगर: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशेष जज पाक्सो एक्ट लक्ष्मीकांत शुक्ल की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के मामले में आरोपित को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने पीड़िता के पिता को तीन लाख रुपये का अनुदान दिए जाने का भी आदेश राज्य सरकार को दिया है।

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अभियुक्त को 25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है, अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को दो साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी। न्यायालय को अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता केके पांडेय ने बताया कि 18 जुलाई 2014 को वादी ने खड्डा थाने में तहरीर देकर बताया कि उनकी सात साल की बेटी बीती रात बरामदे में सो रही थी। पड़ोस का ही युवक उसे जबरदस्ती गांव के बाहर प्राथमिक स्कूल में उठा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर बाद विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। जहां दाखिल पत्रावलियों, प्रस्तुत सबूतों व उभयपक्ष के तर्काें को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित संजय यादव को दोषी ठहराते हुए उक्त सजा सुनाई।

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डीजीपी कर रहे थे मानिटरिग

-दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत चल रहे इस मुकदमे की मानिटरिग डीजीपी ओपी सिंह कर रहे थे। अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अभियोजन के जरिये डीजीपी मुकदमे की कार्रवाई से हर दिन अवगत होते रहते थे।


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