कुशीनगर में महिलाओं को स्वावलंबी बना रहीं सुचिता
कुशीनगर के सेवहरी निवासी महिला अब तक दो हजार महिलाओं को कर चुकी हैं प्रशिक्षित वोकेशनल ट्रेनिग सेंटर फैजाबाद से प्रशिक्षणार्थियों को मिलता है प्रमाण पत्र।
कुशीनगर : महिला सशक्तीकरण का संकल्प लेकर वर्ष 2012 से अब तक दो हजार किशोरियों, युवतियों को निश्शुल्क सिलाई, कढ़ाई, बुनाई का प्रशिक्षण देने वाली सुचिता दुबे अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। सेवरही कस्बे के समता कालोनी की निवासी सुचिता पत्नी राजू दुबे गरीबों, निराश्रितों, दिव्यांगों व कुष्ठ रोगियों के बच्चों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बना रही हैं।
उन्होंने वर्ष 2012 में सेवरही कस्बा स्थित क्रिश्चियन लेप्रोसी हास्पिटल एवं पुनर्वास केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह केंद्र लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया नई दिल्ली से सहायता प्राप्त था। वर्ष 2012 में ट्रस्ट ने अस्पताल को सहायता देना बंद कर दिया तो प्रशिक्षण केंद्र में ताला लटकने की नौबत आ गई। सुचिता ने हास्पिटल संचालक डा. संजीव चरण से यहां निश्शुल्क प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद सुचिता प्रतिदिन सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक किशोरियों, युवतियों व महिलाओं को निश्शुल्क सिलाई, बुनाई, पीको व कढ़ाई का प्रशिक्षण देती है। सुचिता से प्रशिक्षण लेने के बाद सैकड़ों युवतियां आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। अस्पताल के ही एक बड़े हाल में 21 सिलाई मशीन, एक कढ़ाई मशीन व एक पीको मशीन के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को न सिर्फ प्रशिक्षण देती हैं अपितु छह माह प्रशिक्षण के बाद वोकेशनल ट्रेनिग सेंटर फैजाबाद से प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिलाती हैं। यह किशोरियां स्वावलंबी होकर अपने परिवार की आर्थिक स्थित को सु²ढ़ करने में जुट जाती हैं। इनमें से कई विवाह के बाद अपनी ससुराल में भी अर्थोपार्जन कर रहीं हैं। 100 से अधिक महिलाएं व युवतियां उपनगर व अगल बगल के गांवों में ट्रेनिग सेंटर, सिलाई केंद्र आदि खोलकर सुचिता के अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। मौजूदा समय में सुचिता 35 किशोरियों को हुनर सिखा उन्हें स्वावलंबी बना रही हैं। अस्पताल के संचालक डा. संजीव चरण ने बताया कि गत वर्ष 227 किशोरियों व युवतियों को प्रशिक्षित किया गया है। लोगों के सहयोग से 16 गरीब बालिकाओं को निश्शुल्क सिलाई मशीन दी गई है। अब तक दो हजार को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।