कुशीनगर में मोरारी बापू ने की बुद्ध वंदना, किया चीवर दान
कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के दर्शन के दौरान पूरी तरह दिखे भाव-विभोर बुद्ध प्रतिमा के समक्ष नवाया शीश।
कुशीनगर : बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पर नौ दिवसीय रामकथा सुनाने पहुंचे प्रख्यात मानस मर्मज्ञ संत मोरारी बापू शनिवार को पूरी तरह से बुद्धमय दिखे। बुद्ध वंदना की तो बौद्ध परंपरा के अनुसार चीवर दान भी किया।
सुबह नित्य हवन पूजन के बाद लगभग 11 बजे वह सीधे भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण बुद्ध विहार पहुंचे। यहां विहार की परिक्रमा करने के बाद वह पांचवीं सदी की लेटी बुद्ध की ऐतिहासिक प्रतिमा के सामने शीश नवाया। एक बौद्ध उपासक की तरह वंदना करने के बाद प्रतिमा पर चीवर चढ़ाया। बुद्ध के इस अंतिम उपदेश स्थल व परिनिर्वाण स्थल के बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण सहायक शादाब खान से इसके बारे में जानकारी ली तो पुरातात्विक साहित्य भी प्राप्त किया। यहां पूरी तरह से मौन बापू ध्यानमग्न अवस्था में दिखे, मानो बुद्ध से आत्म साक्षात्कार कर रहे हों। यहां लगभग 15 मिनट रुकने के बाद वह भगवान बुद्ध के दाह संस्कार स्थल रामाभार स्तूप पहुंचे और पूरे श्रद्धा भाव से शीश नवा नमन किया। पहली बार बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली पहुंचे राम कथा वाचक मोरारी बापू के चेहरे पर बुद्ध दर्शन कर अजब सा सुकून दिखाई दिया। इसके बाद वह कुशीनगर में बनी अपनी कुटिया पहुंचे। इस दौरान सुरक्षा का कड़ा इंतजाम रहा। बापू के साथ आयोजक अमर तुलस्यान सहित आयोजक मंडल के सदस्य मौजूद रहे। हर तरफ सुरक्षा के चौकस इंतजाम रहे। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। नगर पालिका प्रशासन ने मार्ग को साफ सुथरा किया था। ठंड के बावजूद सड़क के दोनों तरफ लोग बापू के दर्शन को खड़े रहे। हर कोई बापू की एक झलक पाना चाहता था।