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कुशीनगर के गांवों में कैंप लगाकर बनाए जाएंगे गोल्डन कार्ड

कुशीनगर में आयुष्मान पखवारा के तहत कार्ड बनाने व वितरण की प्रक्रिया होगी निश्शुल्कशिथिलता बरतने वालों की तय होगी जवाबदेही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 12:21 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 12:21 AM (IST)
कुशीनगर के गांवों में कैंप लगाकर बनाए जाएंगे गोल्डन कार्ड
कुशीनगर के गांवों में कैंप लगाकर बनाए जाएंगे गोल्डन कार्ड

कुशीनगर: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड अब निश्शुल्क बनाए जाएंगे। इसके लिए गांव-गांव कैंप लगाए जाएंगे। 10 से 24 मार्च तक जिले में आयुष्मान भारत पखवारा चलाया जाएगा।

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यह बातें जिलाधिकारी एस राजलिगम ने कही। वह मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकार वार्ता कर रहे थे। कहा कि अब तक गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को 30 रुपये देने पड़ते थे। शासन का निर्देश है कि अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिले में 11 लाख 50 हजार लोगों का कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन दो लाख ही बन पाया है। जो भी गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा वह कोरियर के माध्यम से सात दिन बाद मिलेगा। उसे लाभार्थियों में वितरित करने की प्रक्रिया भी निश्शुल्क होगी। डीएम ने बताया कि पखवारा में रोजगारसेवक, सफाईकर्मी, कोटेदार, अध्यापक एवं आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। इसकी मानिटरिग सभी एसडीएम, बीडीओ, प्रभारी चिकित्साधिकारी, एडीओ, सप्लाई इंस्पेक्टर समेत जनपद स्तरीय अधिकारियों की ओर से किया जाएगा। प्रत्येक ब्लाक में नोडल नामित किए गए हैं। जो अधिकारी या कर्मचारी अभियान में शिथिलता बरतेगा या सहयोग नहीं करेगा उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। प्रत्येक गांव में स्कूल या पंचायत भवन में कैंप लगाकर गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, सीएमओ डा. एनपी गुप्ता मौजूद रहे।

कालाजार रोगियों को खोजने के लिए आज से चलेगा अभियान

कुशीनगर जिले में 10 से 24 मार्च तक चलने वाले दस्तक पखवारा में घर-घर जाकर कालाजार के रोगी ढूंढे जाएंगे। बुखार से पीड़ित लोगों को ढूंढकर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सूची बनाएंगी। सूची को एएनएम के माध्यम से ब्लाक मुख्यालय भेजा जाएगा। बुखार के रोगियों में कालाजार के लक्षण मिलने पर जांच कराई जाएगी और पुष्टि होने पर निश्शुल्क इलाज किया जाएगा।

जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि कालाजार रोगियों की खोज के लिए चलाए जाने वाले अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पाथ संस्था तकनीकी स्तर पर सहयोग करेगी। सभी सीएचसी के अधीक्षकों और पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को प्रदेश स्तर से जूम एप पर इसको लेकर सजग किया जा चुका है। डीएमओ ने बताया कि कालाजार की ²ष्टि से कुशीनगर संवेदनशील जिला है। हालांकि वर्ष 2021 में अब तक कालाजार के दो ही केस मिले हैं, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है। अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार रह रहा हो, पेट में सूजन हो, वजन कम हो रहा हो और भूख में कमी जैसे लक्षण हों तो वह कालाजार का संभावित मरीज हो सकता है। ऐसे मरीजों को सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल भेज कर आरके-39 जांच करवानी है।


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