सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर, बड़े आंदोलन की चेतावनी
कुशीनगर में पूर्व मंत्री ने पत्रकार वार्ता में कहा कि किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर करेंगे काम।
कुशीनगर : प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ सपा नेता ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा सरकार ने चार वर्ष से गन्ने के मूल्य में एक रुपये की भी वृद्धि नहीं की। तरह-तरह के अव्यवहारिक कानून बनाकर किसानों का उत्पीड़न कर रही है। गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया और किसानों का शोषण बंद नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन करने को विवश होगी।
पूर्व मंत्री गुरुवार सुबह अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कहा कि गन्ने की फसल झुलसा रोग से प्रभावित हो गई है, इसके लिए अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया। टिड्डी के प्रकोप के समय भी कोई इंतजाम सरकार ने नहीं किया था। गन्ने की पर्ची का मैसेज चुनिदा लोगों को लखनऊ से भेजा जा रहा है। जिन किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं है या फिर चलाना नहीं जानते हैं उनको कोई पूछने वाला नहीं है। गन्ना तौल में घटतौली जमकर हो रही है। सरकार की मंशा है कि किसान अपने खेत में मजदूर बनकर काम करें और अपना खेत पूंजीपतियों को सौंप दें, लेकिन सरकार की यह मंशा सपा कभी भी पूरा नहीं होने देगी।
भुगतान फंसने से परेशान हैं ग्राम प्रधान
सर्वर के पेंच में विकास कार्यों का भुगतान फंसने से सुकरौली ब्लाक के ग्राम प्रधान परेशान हैं। 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया। इसके कई दिन पहले से ही सर्वर काम नहीं कर रहा था, इसलिए जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका भी भुगतान नहीं हो पाया।
पैकौली लाला गांव की प्रधान अमीरुन निशा का छह लाख, बेलवा बलुवा के शैलेंद्र सिंह का 12 लाख, कोटवां की शीला देवी का छह लाख, हांसखोर के ओमप्रकाश यादव का पांच लाख, भगवानपुर भरवलिया के नेबूलाल सिंह का पांच लाख, खोट्ठा की इंद्रावती देवी का पांच लाख समेत अन्य ग्राम प्रधानों का भी भुगतान लटका हुआ है।
प्रधानों का कहना है कि 25 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद डोंगल से भुगतान रोक दिया गया। ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं, हम लोग भुगतान के लिए ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं। निर्माण सामग्री दुकानदारों से उधार ली गई है, मजदूरी भी बकाया है। भुगतान न होने से दुकानदारों व मजदूरों की नाराजगी का शिकार होना पड़ रहा है। एडीओ पंचायत रामअशीष प्रसाद ने बताया कि गांवों में कराए गए विकास कार्यों का दोबारा आकलन कराने के बाद भुगतान करवाया जाएगा।