कुशीनगर में अग्निशमन यंत्र मौजूद पर नहीं जानते चलाना
कुशीनगर के जिला संयुक्त अस्पताल के प्रमुख विग में लगे हैं यंत्र सीएचसी-पीएचसी में आग से बचाव के इंतजाम नहीं।
कुशीनगर: नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों के अस्सी फीसद से अधिक सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, लेकिन उसे कैसे प्रयोग करेंगे, इस बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं है। जिम्मेदारों को याद नहीं है कि किसको प्रशिक्षित किया गया है। सुविधा उपलब्ध रहने के बावजूद आकस्मिक घटनाएं होने पर बचाव नहीं हो सकेगा।
रविवार को जागरण टीम ने जब जिला संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण किया तो कई कर्मचारी ऐसे मिले, जिन्हें यह भी पता नहीं था कि अग्निशमन यंत्र लगा भी है या नहीं। जेई-एईएस वार्ड में चार बच्चे भर्ती हैं। यहां अग्निशमन यंत्र का छोटा मशीन लगा मिला। नवजात शिशु वार्ड में 22 नवजात भर्ती पाए गए, यहां प्रवेश गेट पर ही आग बुझाने का यंत्र लगा है। इमरजेंसी सेवा में 50 मरीज भर्ती किए गए, जिसमें अधिकतर सांस व हृदयरोग से प्रभावित हैं, यहां भी अग्निशमन यंत्र लगा है। इन स्थलों पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी यह नहीं बता पाए कि इसका प्रयोग कैसे होगा। सीएमएस डा.बजरंगी पांडेय ने कहा कि जिला अस्पताल में सभी प्रमुख स्थानों पर आग बुझाने के संसाधन हैं। समय-समय पर विभाग द्वारा इसका प्रशिक्षण भी कराया जाता है।
यह हैं प्रमुख सरकारी अस्पताल
-एक जिला संयुक्त चिकित्सालय
-14 ब्लाक स्तरीय सीएचसी
-तीन ब्लाक स्तरीय पीएचसी
-नगर स्थित पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय
-महिला अस्पताल
सीएचसी हाटा में नहीं है आग बुझाने का यंत्र
हाटा में तो अभी तक आग बुझाने के यंत्र ही नहीं लगाए गए हैं। जबकि यहां बच्चों के लिए वार्ड भी बना है। कप्तानगंज में तो है पर अस्पताल में लगा नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
तमकुहीराज में चार छोटे यंत्र लगे मिले
तमकुहीराज: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज में चार अग्निशमन यंत्र लगे हैं, जिन्हें चलाने के बारे में कर्मचारी खुद नहीं जानते हैं। ऐसे में कोई घटना हुई तो कोई उसे चलाने वाला ही नहीं मिलेगा।
सीएमओ का दावा हर जगह कराया गया उपलब्ध
सीएमओ डा.नरेंद्र गुप्ता का दावा है कि जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगा है। अगर कहीं खराब हो तो संबंधित को ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बारे में सभी से रिपोर्ट मांगी गई है।