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कुशीनगर में डाक्टर व फार्मासिस्ट नदारद, स्वीपर के भरोसे अस्पताल

कुशीनगर के खोठठा में स्थित न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक नहीं मिलत हैं सप्ताह में एक दिन आरोग्य मेले में आते हैं चिकित्सक डाक्टरों के न रहने से परेशान होते हैं मरीज व तीमारदार।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:58 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 12:58 AM (IST)
कुशीनगर में डाक्टर व फार्मासिस्ट नदारद, स्वीपर के भरोसे अस्पताल
कुशीनगर में डाक्टर व फार्मासिस्ट नदारद, स्वीपर के भरोसे अस्पताल

कुशीनगर: क्षेत्र के खोठ्ठा स्थित न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डाक्टर, एक फार्मासिस्ट, लैब असिस्टेंट की तैनाती है। इसके बावजूद अस्पताल पर कोई मौजूद नहीं रहता है। स्वीपर को मरीजों को संभालना पड़ता है। गुरुवार को सुबह 11 बजे जागरण ने अस्पताल का जायजा लिया। उस समय तक डाक्टर व फार्मासिस्ट मौजूद नहीं थे।

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दवा कराने अस्पताल आए आरुष, विजय प्रताप, जितेंद्र, बाबूराम पाल, इमिरती देवी, ओमप्रकाश डाक्टर का इंतजार कर रहे थे। मरीजों ने बताया कि जब भी हम लोग अस्पताल आते हैं, डाक्टर व फार्मासिस्ट से मुलाकात नहीं होती है। जबकि यहां डा. नरसिंह, डा. अनिता जायसवाल, डा. नंदेश तिवारी, फार्मासिस्ट राकेश कुमार व लैब असिस्टेंट राजेंद्र प्रसाद की तैनाती है। सप्ताह में एक दिन आयोजित होने वाले आरोग्य मेला में डाक्टर मौजूद रहते हैं और अन्य दिनों उनका पता नहीं रहता है। स्वीपर विजय बहादुर मौजूद रहे।

अस्पताल का इंडिया मार्क टू हैंडपंप खराब है, कर्मचारियों का आवास भी जर्जर हो गया है। परिसर में लगा बिजली का पोल व ट्रांसफार्मर बेकार पड़ा है। यहां विद्युत आपूर्ति नहीं होती है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. हेमंत वर्मा ने कहा कि अस्पताल में डाक्टर व फार्मासिस्ट का न रहना अपराध की श्रेणी में आता है। इसकी शिकायत सीएमओ से की जाएगी। मरीजों का इलाज करना डाक्टर का दायित्व है।

चिकित्सक विहीन अस्पताल, फार्मासिस्ट से चल रहा काम

सेवरही विकास खंड के ग्राम पंचायत सलेमगढ़ का राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल वर्षों से पुराने व जर्जर पंचायत भवन में चल रहा है। यह अस्पताल एक वर्ष से चिकित्सक विहीन है, सिर्फ फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय के भरोसे चल रहा है। जर्जर भवन के कारण कर्मचारी हर पल दुर्घटना की आशंका से सहमे रहते हैं।

1960 में निर्मित पंचायत भवन में 1971 में अस्पताल स्थापित किया गया। अब तक अस्पताल का अपना भवन नहीं बन सका है। पंचायत भवन की स्थिति यह है कि दीवारों में जगह जगह दरार पड़ गई है। छत का प्लास्टर गिरता रहता है। फार्मासिस्ट श्यामदेव गुप्ता व वार्ड ब्वाय लल्लन पांडेय ने बताया कि बरसात के मौसम में छत टपकने से दवाएं खराब हो जाती हैं। खिड़की, दरवाजे टूट गए हैं। जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करनी पड़ती है। यहां किसी चिकित्सक की तैनाती नहीं है। उमेश गिरी, हरीलाल गुप्ता, अंकित ने कहा कि शिकायत के बाद भी विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है।

प्रधान विनोद पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायत से अस्पताल निर्माण के लिए भूमि प्रस्तावित कर विभाग को बहुत पहले ही दी जा चुकी है। एसडीएम तमकुहीराज एआर फारूकी ने कहा कि पता करवाता हूं, विभाग को सूचित कर चिकित्सक की तैनाती कराई जाएगी।


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