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लगन से गगन चूमने को आतुर हैं बाल वैज्ञानिक अभिषेक

संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता है। लगन व जज्बा हो तो गगन चूमा जा सकता है। यह साबित किया है सेवरही विकास खंड के गांव रामकरन पट्टी निवासी किसान राम आधार कुशवाहा के होनहार पुत्र अभिषेक कुशवाहा ने। जुनून अनवरत अध्ययनशीलता व रुचिगत कार्य के बूते देश भर से चयनित 100 बाल वैज्ञानिकों में अपना स्थान प्राप्त कर मिसाल कायम किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 11:19 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 11:19 PM (IST)
लगन से गगन चूमने को आतुर हैं बाल वैज्ञानिक अभिषेक
लगन से गगन चूमने को आतुर हैं बाल वैज्ञानिक अभिषेक

कुशीनगर: संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता है। लगन व जज्बा हो तो गगन चूमा जा सकता है। यह साबित किया है सेवरही विकास खंड के गांव रामकरन पट्टी निवासी किसान राम आधार कुशवाहा के होनहार पुत्र अभिषेक कुशवाहा ने। जुनून, अनवरत अध्ययनशीलता व रुचिगत कार्य के बूते देश भर से चयनित 100 बाल वैज्ञानिकों में अपना स्थान प्राप्त कर मिसाल कायम किया है।

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अभिषेक ने प्राथमिक शिक्षा दाहूगंज, हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की पढ़ाई सेवरही से की। होनहार गोरखपुर के एमजीपीजी कालेज में बीएससी इलेक्ट्रानिक्स दूसरे वर्ष में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बचपन से विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में गहरी रुचि से उनका रूझान विज्ञान की ओर तेजी से बढ़ा। 2016 में पहली बार ब्लाक स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में मेडल प्राप्त किया व जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए। तब कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सम्मानित किया। 2018 में छह से आठ अक्टूबर को लखनऊ के संजय गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बाल विज्ञान महोत्सव में देश के 100 टाप माडलों में अभिषेक के माडल को भी स्थान मिला। महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने किया था। 2019 में अभिषेक ने अपने स्टार्टप कंपनी का नाम राधे इलेक्ट्रानिक रख कर 14 सितंबर यूपी स्टेट कौंसिल में प्रस्तुत किया। इसमें यूपी के टाप 10 कंपनियों में स्थान मिला। देवरिया के सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी ने होनहार की प्रतिभा देख सम्मानित किया व सहयोग का आश्वासन दिया। पांच से आठ नवंबर को कोलकाता के साइंस सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय साइंस फेस्टीवल में शामिल होने पर नेशनल स्टार्टप कौंसिल में नव भारत निर्माण में देश के टाप 100 में उनके प्रोजेक्ट का बेहतर शोध में चयन हुआ। उन्हें देश के टाप 100 बाल वैज्ञानिकों में शामिल होने का गौरव मिला। सफलता का श्रेय मां की प्रेरणा को दिया।


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