Move to Jagran APP

माइनर टूटने से सौ एकड़ फसल जलमग्न

कुशीनगर के कसया तहसील के भठही बाबू और बकनहां गांव के बीच स्थित माइनर के टूटने से फसल बर्बाद होने की आशंका से किसान चितित हो गए हैं किसानों ने आरोप लगाया कि माइनर की सफाई में खानापूरी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:00 PM (IST)
माइनर टूटने से सौ एकड़ फसल जलमग्न
माइनर टूटने से सौ एकड़ फसल जलमग्न

कुशीनगर : कसया तहसील के गांव भठहीं बाबू व बकनहां की सिचाई के लिए निर्मित बकनहां माइनर मंगलवार की सुबह टूट गया। इससे सौ एकड़ से अधिक रबी की फसल जलमग्न हो गई। खेतों में पानी अधिक लग जाने के कारण किसान फसल बर्बाद हो जाने की आशंका जता रहे हैं। इसे लेकर किसान चितित हैं। समाचार लिखे जाने तक माइनर के टूटे भाग की मरम्मत नहीं हो सकी थी।

loksabha election banner

किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग से हर वर्ष नहर व माइनर की सफाई कराता है, लेकिन यह काम खानापूरी तक सिमट कर रह गया है। माइनर में उगी घास और जमा सिल्ट की सफाई नहीं होने के कारण पानी आने पर या तो यह ओवरफ्लो हो जाता है या फिर दबाव अधिक पड़ने पर तटबंध टूट जाता है।

दोनों गांवों के बीच माइनर टूटने से गेहूं, सरसो, मसूर की फसल बर्बाद होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। किसान हरेंद्र यादव, श्रीराम यादव, पप्पू तिवारी, रामनारायण गुप्त, चंद्रभूषण मिश्र, हेमंत मिश्र, कन्हैया आदि का कहना है कि पानी निकला नहीं तो फसल बर्बाद हो जाएगी। विभाग के अवर अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि माइनर के टूटे हिस्से की मरम्मत कराई जा रही है। शीघ्र ही समस्या का समाधान हो जाएगा।

पाला से फसल बचाने की सलाह

तापमान में अचानक गिरावट के साथ ही पाला पड़ने की आशंका है। पाला पड़ने पर अनाज व सब्जी की फसल की पत्तियां पीली होकर झुलसने लगती हैं और फूल गिरने लगते हैं। आलू की फसल में झुलसा रोक लगने की संभावना बढ़ जाती है। अरहर का फूल झड़ने लगता है और मटर की फसल में गेरूई रोग लगने लगता है। इसकी पत्तियां झुलसने लगती है। कुछ उपाय कर किसान फसल बचा सकते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र सरगटिया के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डा. अशोक राय ने फसल को पाला से बचाने की सलाह देते हुए कहा कि सब्जियों की नर्सरी को पालिथीन, टाट या भूसे से ढंक दें। गेहूं, सरसों एवं अरहर की फसल में 600 ग्राम घुलनशील सल्फर 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। जरूरत के हिसाब से खेत की हल्की सिचाई करते रहें। इससे मिट्टी का तापमान कम नहीं होता है और पाला का असर कम हो जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.