प्रकृति के अनुरूप चलना होगा: डॉ. बालमुकुंद
आज भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। ऐसे मे हमें डरना नहीं बल्कि मजबूत और साथ होकर लड़ना है। भारतीय संस्कृति बहुत ही संपन्न है। उक्त बातें बुधवार को एसबीएमपीजी कालेज फाजिलनगर में आयोजित दो दिवसीय आनलाइन वेबिनार के समापन अवसर पर बतौर मुख्त अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के सचिव डा.बालमुकुंद पांडेय ने कही।
कुशीनगर: आज भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। ऐसे मे हमें डरना नहीं बल्कि मजबूत और साथ होकर लड़ना है। भारतीय संस्कृति बहुत ही संपन्न है। उक्त बातें बुधवार को एसबीएमपीजी कालेज फाजिलनगर में आयोजित दो दिवसीय आनलाइन वेबिनार के समापन अवसर पर बतौर मुख्त अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के सचिव डा.बालमुकुंद पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के विभिन्न पक्षों का सामना करते हुए अपने कार्य व्यवहार में परिवर्तन करना होगा। मुख्य वक्ता भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जेएन पांडेय ने कहा कि आदिकाल से मानव के सामने महामारी संकट बनकर आई, लेकिन मानव ने धैर्य और नैतिक बल से इस पर विजय पाई। विशिष्ट वक्ता डा. अंजू सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी ने मानव को आगाह किया है कि हमें प्रकृति के नियमों के अंदर रहना चाहिए। कार्यक्रम को डा. एसके सिंह, प्रो. डा. विनोद कुमार त्रिपाठी आदि ने भी संबोधित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. ओंकार नाथ मिश्र ने आभार प्रकट किया। तकनीकी सत्र का संचालन संयोजिका व भूगोल विभागाध्यक्ष डा. ज्योत्सना पांडेय ने किया। डा. मोहित, डा.किरण सिंह, डा.विजय कुमार चौधरी, डा.हृदय कुमार, डा.सुधीर कुमार, डा.रणजीत, डा.संजीत, डा.गायत्री, डा.पवन, धीरज कुमार, डा.बुलबुल शर्मा, डा.आशीष, डा.शालिनी, डा.बृंदा पांडेय, डा.शाहीन बेगम, डा.सतीश तनेजा आदि शामिल रहे।